कपड़ों से बने मास्क नहीं हैं कारगर दुनिया भर में आमतौर पर तीन तरह के मास्क का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जा रहा है। कपड़ों से बने मास्क, N-95 मास्क और सर्जिकल मास्क। हेल्थ केयर एक्सपर्ट्स का कहना है कि कपड़ों से बने मास्क संक्रमण के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं क्योंकि यह मास्क आसपास की हवा में मौजूद वायरस से सुरक्षित रखने में कारगर साबित नहीं हुए हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि कपड़े के मास्क वायरस को रोकने में प्रभावी नहीं हैं। ऐसे में इन्हें संक्रमण को रोकने के लिए ज्यादा सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। सिंगल लेयर मास्क वायरस Aerosols के बड़े टुकड़ों को तो रोक सकते हैं, लेकिन ओमिक्रोन वैरिएंट के मामले में ये Aerosols के छोटे-छोटे टुकड़ों को रोकने में उतना कारगर नहीं है।
दो लेयर वाले मास्क का करें इस्तेमाल विशेषज्ञ का मानना है कि सिंगल लेयर कपड़े का मास्क ओमीक्रोन के लिए जायादा कारगर नहीं है। ऐसे में विशेषज्ञ दो या तीन लेयर वाले फेस मास्क के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। ये छोटे Aerosols को रोकते हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा कम होता है। वैज्ञानिक सिंगल लेयर क्लोथ मास्क को Respirator masks के साथ लगाने की सलाह देते हैं, जिससे कोरोना के नए वैरिएंट से बचा जा सके। विशेषज्ञों के मुताबिक, स्पाइक प्रोटीन में अलग तरह के कई म्यूटेशंस की वजह से ओमिक्रोन वेरिएंट का ट्रांसमिशन रेट बहुत ज्यादा है। इसलिए कपड़े से बने मास्क इससे बचाव में उतना कारगर नहीं होगा।
अमेरिका के Centre for Disease Control and Prevention की गाइडलाइंस के अनुसार, कपड़े से बने मास्क के नीचे एक डिस्पोजेबल मास्क पहनें। कपड़े का मास्क ऐसा होना चाहिए, जिसमें फैब्रिक की कई लेयर हो। रियूजेबल मास्क को गंदा होते ही तुरंत साफ करें। साथ ही डिस्पोजेबल मास्क को इस्तेमाल के बाद फेंक दें, दोबारा इस्तेमाल करने से परहेज करें।
N9-5 मास्क सबसे ज्यादा असरदार विशेषज्ञों का मानना है कि ओमिक्रोन के प्रसार के खिलाफ सबसे ज्यादा सुरक्षा देने में N95 सबसे बेहतर हैं। क्योंकि, इनमें फाइबर का घना नेटवर्क होता है। ये बड़े ड्रॉपलेट्स और एयरोसोल्स को ट्रैप करने में बेहद प्रभावी होते हैं, ये ड्रॉपलेट्स को ब्लॉक करते हैं। इसके अलावा ये हवा में मौजूद 95 प्रतिशत तक कणों को फिल्टर कर देता है और चेहरे को पूरी तरह से ढक करके रखता है। हालांकि एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि अगर आपको सांस से जुड़ी कोई समस्या है तो N-95 मास्क का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
सर्जिकल मास्क पर विशेषज्ञों की राय कोरोना महामारी में एक्सपर्ट ने सर्जिकल मास्क का उपयोग करने की भी सलाह दी थी। यह कपड़े के मास्क से कुछ हद तक बेहतर होते हैं, लेकिन ये भी अधिक सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी मदद से सांस के माध्यम से जर्म्स के प्रवेश को तो रोका जा सकता है। हालांकि कोरोना जैसे वायरस को रोकने में यह कितने कारगर है। इस बारे में कहा नहीं जा सकता।
डबल मास्किंग ज्यादा प्रभावी उपाय कोरोना वयरस के ओमिक्रोन वैरिएंट बचने के लिए डबल मास्किंग ज्यादा प्रभावी उपाय हो सकता है। इसके लिए सबसे पहले सर्जिकल मास्क और इसके ऊपर कपड़े का मास्क पहना जा सकता है। मास्क लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि यह अच्छी तरह से फिट हो और नाक-मुंह को ठीक से कवर करता हो।