मामला नोएडा सेक्टर 22 का है, जहां दो बहनें 12वीं पास करने के बाद पढ़ना चाहती थीं। लेकिन जब परिवार ने विरोध किया तो उन्होंने पढ़ाई जारी रखने के लिए अपना घर ही छोड़ दिया। दरअसल पुलिस में एक रिपोर्ट दर्ज हुई थी कि 18 जून को जो लड़कियां लापता हो गई। पुलिस ने जांच के बाद दोनों लड़कियों को गाजियाबाद से थाने लेकर पहुंची और जहां दोनों बहनों ने जो भी बताया उससे पुलिस भी हाैरान-परेशान हो गई।
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दोनों बहनों ने बताया कि माम-फूफी की बहनें हैं। सेक्टर 116 में अपने परिवार के साथ रहती हैं। लेकिन 18 जून को युवती अपने मामा के घर गई वहीं से दोनों बहनों ने घर छोड़ दिया। दोनों आगे की पढ़ाई करके जॉब करना चाहती हैं। लेकिन परिवार वाले शादी करके उन्हें विदा करना चाहते थे। इसलिए गाजियाबाद जाकर उन्होंने एक कमरा लिया और एक मल्टीनेशनल रेस्तरां में नौकरी करने लगी। वो पैसे जमा कर कोई प्रोफेशनल कोर्स करना चाहती थीं।
दोनों बहनों ने बताया कि माम-फूफी की बहनें हैं। सेक्टर 116 में अपने परिवार के साथ रहती हैं। लेकिन 18 जून को युवती अपने मामा के घर गई वहीं से दोनों बहनों ने घर छोड़ दिया। दोनों आगे की पढ़ाई करके जॉब करना चाहती हैं। लेकिन परिवार वाले शादी करके उन्हें विदा करना चाहते थे। इसलिए गाजियाबाद जाकर उन्होंने एक कमरा लिया और एक मल्टीनेशनल रेस्तरां में नौकरी करने लगी। वो पैसे जमा कर कोई प्रोफेशनल कोर्स करना चाहती थीं।
दोनों लड़कियों के थाने पहुंचने के बाद जांच अधिकारी धनंजय सिंह ने उनके परिजनों को सूचना दी। लेकिन जब परिजन अपने बेटियों को लेने पहुंचे तो उन्होंने जाने से इनकार कर दिया। युवती ने पुलिस स्टेशन छोड़ने से इनकार कर दिया और रोने लगी। उसने कहा वह वापस नहीं जाना चाहती। वे उसे पढ़ाई बंद करने के लिए मजबूर करेंगे और काम भी नहीं करने देंगे।
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हालाकि युवती की मां और माम ने घर लौटने के बारे में समझाने की कोशिश की। लेकिन उसने साफ कह दिया कि वह अपने घर नहीं बल्कि किराए के अपने कमरे में वापस जाना चाहती हूं और गाजियाबाद में काम करना जारी रखूंगी। वो एक ही बात कह रही थी कि परिवार वाले काम नहीं करने देंगे। मां-बेटी के बीच काफी देर तक बहस चली। परिवार वालों ने कहा कि जैसे ही आर्थिक स्थिति ठीक होगी वे उसे पढ़ाएंगे। लेकिन युवती ने कहा कि पैसे की बात नहीं है यहां सोच की बात है।
हालाकि युवती की मां और माम ने घर लौटने के बारे में समझाने की कोशिश की। लेकिन उसने साफ कह दिया कि वह अपने घर नहीं बल्कि किराए के अपने कमरे में वापस जाना चाहती हूं और गाजियाबाद में काम करना जारी रखूंगी। वो एक ही बात कह रही थी कि परिवार वाले काम नहीं करने देंगे। मां-बेटी के बीच काफी देर तक बहस चली। परिवार वालों ने कहा कि जैसे ही आर्थिक स्थिति ठीक होगी वे उसे पढ़ाएंगे। लेकिन युवती ने कहा कि पैसे की बात नहीं है यहां सोच की बात है।
आपको बता दें कि युवती के पिता सेक्टर 22 के पास जूस स्टाल के मालिक हैं काफी विवाद के बाद उन्होंने फैसला किया कि लड़कियों को पढ़ाई की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह से वे घर से भागे हैं उससे हम खुश नहीं हैं और कोई भी पिता नहीं चाहता कि उसकी इकलौती बेटी दुखी हो। अगर वे अध्ययन करना चाहते हैं, तो हम उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने में मदद करेंगे, जो भी हो सकता है आओ। हम बस उन्हें घर वापस आना चाहते हैं। हालकि पुलिस ने कहा कि दोनों लड़किया कोर्ट में पेश होंगी उसके बाद ही कोई फैसला होगा। क्योंकि दोनों बालिग हैं और अगर वो अलग रहना चाहती हैं तो रह सकती हैं। लेकिन कोर्ट में पेशी के बाद वो दोनों घर चली गईं।