डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि 2 सितंबर से उत्तरी-पश्चिमी शुष्क हवाएं तेज रफ्तार से गंगा के मैदानी क्षेत्र की तरफ मूव कर रही हैं। जबकि बंगाल की खाड़ी से नम हवाओं का आगमन कम हो गया है। इस कारण बादलों की आवाजाही भी कम होती जा रही है। इसलिए तेज धूप के संग लोगों को उमस भरी गर्मी का एहसास हो रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में मानसून की ट्रफ रेखा गंगानगर, हिसार, हरदोई, गोरखपुर और पटना होते हुए दक्षिण पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी में जा रही हैं। इससे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती हवा का क्षेत्र बना है।
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मानसून के अप्रत्याशित व्यवहार से मौसम वैज्ञानिक हैरान, इस बार समय से पहले शुरू होगी कड़ाके की ठंड 9 सितंबर से बादलों में बढ़ोतरी के आसार डॉ. पांडेय ने बताया कि फिलहाल यूपी में तेज बारिश के आसार नहीं हैं। हालांकि 9 सितंबर से आसमान में एक बार फिर बादलों में बढ़ोतरी के आसार बनते नजर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान कहीं तेज बारिश की संभावना नहीं है। कुछ स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी या फिर हल्की बारिश जरूर हो सकती है।
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लोगों ने ढूंढा बिजली चोरी करने का नया तरीका, हर महीने इस तरह बेहद कम आ रहा बिजली बिल 17 सितंबर के बाद मानसून जाने की आशंका मौसम विज्ञानी का कहना है कि देशभर में जिस प्रकार की मौसम प्रणाली बनती दिख रही है। उससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि 17 सितंबर के बाद मानसून विदा हो सकता है। बता दें कि भारतीय मौसम विभाग ने इसके लिए अभी तक कोई भविष्यवाणी नहीं की है। वहीं, डॉ. पांडेय ने बताया कि मानसून जाने के बाद भी कुछ स्थानों पर बादलों का आवागमन बना रह सकता है। इसके चलते बूंदाबांदी और हल्की से मध्यम बारिश भी हो सकती है, लेकिन इसे मानसून की बारिश नहीं कहेंगे।