इन राज्यों को जोड़ती हैं बसें
जानकारी के अनुसार, लॉकडाउन में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को हर दिन करीब 15 करोड़ रुपये का चूना लग रहा है। लॉकडाउन के बाद से यूपी रोडवेज की करीब 13 हजार बसों के पहिए जाम हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में रोडवेज की करीब 13000 बसें रोजाना सड़कों पर दौड़ती हैं। ये बसें हर रोज करीब 40 लाख से 45 लाख किलोमीटर का सफर तय करती हैं। एक अनुमान के मुताबिक, इन बसों में हर रोज 30 लाख यात्री सफर करते हैं। उनसे करीब 15 करोड़ रुपए का कलेक्शन हर रोज होता है, लेकिन लॉकडाउन होने के बाद से यह कलेक्शन बंद है। इस तरह यूपी रोडवेज को हर दिन 15 करोड़ रुपए का चूना लग रहा है। मतलब पहले लॉकडाउन के 21 दिन में उत्तर प्रदेश में रोडवेज को करीब 315 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बता दें कि उत्तर प्रदेश की बसें यूपी को पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश से जोड़ती हैं।
जानकारी के अनुसार, लॉकडाउन में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को हर दिन करीब 15 करोड़ रुपये का चूना लग रहा है। लॉकडाउन के बाद से यूपी रोडवेज की करीब 13 हजार बसों के पहिए जाम हो गए हैं। उत्तर प्रदेश में रोडवेज की करीब 13000 बसें रोजाना सड़कों पर दौड़ती हैं। ये बसें हर रोज करीब 40 लाख से 45 लाख किलोमीटर का सफर तय करती हैं। एक अनुमान के मुताबिक, इन बसों में हर रोज 30 लाख यात्री सफर करते हैं। उनसे करीब 15 करोड़ रुपए का कलेक्शन हर रोज होता है, लेकिन लॉकडाउन होने के बाद से यह कलेक्शन बंद है। इस तरह यूपी रोडवेज को हर दिन 15 करोड़ रुपए का चूना लग रहा है। मतलब पहले लॉकडाउन के 21 दिन में उत्तर प्रदेश में रोडवेज को करीब 315 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बता दें कि उत्तर प्रदेश की बसें यूपी को पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश से जोड़ती हैं।
मोरना डिपो का रोज का कलेक्शन अगर बात केवल नोएडा की करें तो सेक्टर—35 स्थित मोरना डिपो से करीब 150 बसें उत्तर प्रदेश के विभिन्न रूटों पर चलती हैं। लॉकडाउन के चलते अब बसें खड़ी हुई हैं। इससे डिपो को रोजाना करीब 10 से 15 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। एआरएम अनुराग यादव का कहना है कि लॉकडाउन से रोडवेज को होने वाली आमदनी बिल्कुल बंद हो गई है। अब तक करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है।
सहारनपुर रीजन का हाल सहारनपुर रीजन में रोडवेज को रोजाना करीब 75 लाख रुपये रुपए का नुकसान हो रहा है। सहारनपुर रीजन की 642 से अधिक बसें हर रोज करीब पौने दो लाख किलोमीटर का सफर तय करती हैं। सहारनपुर रीजन में वर्तमान में करीब 642 गाड़ियां हैं। इन बसों में हर दिन एक लाख 20 हजार से एक लाख 40 हजार तक यात्री सफर करते हैं। वहीं, गाजियाबाद आगरा, मेरठ और मुरादाबाद रीजन का कलेक्शन दो करोड़ रुपए से अधिक होने की उम्मीद है।
मेरठ रीजन को हो रहा इतना नुकसान मेरठ रीजन के एसएम एस एल शर्मा के अनुसार, मेरठ में करीब एक करोड़ रुपये का डेली कलेक्शन है। यहां 807 बसें हैं। मेरठ रीजन की बसें हर रोज करीब 2 लाख कलोमीटर का सफर तय करती हैं। अनुमान है कि उत्तर प्रदेश में इससे अब तक करीब 15 करोड़ रुपये का रोज नुकसान हो रहा है।
यूपी रोडवेज की कहानी — करीब 13000 रोजाना दौड़ती हैं यूपी रोडवेज की बसें
— 40 लाख से 45 लाख किलोमीटर का सफर तय करती हैं रोज
— रोज करीब 30 लाख यात्री करते हैं इनमें सफर
— करीब 15 करोड़ रुपए का रोजाना होता है कलेक्शन
— सहारनपुर रीजन को हो रहा रोज करीब 75 लाख रुपये का नुकसान
— मेरठ रीजन का करीब एक करोड़ रुपये का है रोज का कलेक्शन
— 40 लाख से 45 लाख किलोमीटर का सफर तय करती हैं रोज
— रोज करीब 30 लाख यात्री करते हैं इनमें सफर
— करीब 15 करोड़ रुपए का रोजाना होता है कलेक्शन
— सहारनपुर रीजन को हो रहा रोज करीब 75 लाख रुपये का नुकसान
— मेरठ रीजन का करीब एक करोड़ रुपये का है रोज का कलेक्शन