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दरअसल, सरकारी शराब की दुकानों में होने वाली गड़बड़ी से यूपी सरकार को राजस्व की हानि होने की बात सामने आ रही थी। इसके साथ ही कई शराब की दुकानों द्वारा स्टॉक की भी सही जानकारी आबकारी विभाग को नहीं दी जा रही थी। साथ ही लगातार शिकायत मिल रही है कि कई जगह ओवर रेट में शराब बेची जा रही है। आबकारी विभाग के मुताबिक पॉस मशीन से बोतल को स्कैन करने के बाद डिस्टलरी (शराब फैक्ट्री) में निर्माण से लेकर शराब की बिक्री होने तक की सभी जानकारी विभाग के पास मिनटों में पहुंचती रहेगी। इस नीति अगामी अप्रैल में लागू कर दिया जाएगा। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है।
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