यह भी पढ़ें: वजन कम करने के लिए इस हिसाब से पीजिए पानी गोरखपुर में फूलपुर में हुई थी गठबंधन की जीत गोरखपुर व फूलपुर में हुए उपचुनाव मेें सपा व बसपा के गठबंधन के आगे भाजपा उम्मीदवार धराशायी हो गए थे। अब भाजपा कैराना व नूरपुर सीट नहीं खोना चाहती है। वहीं, इन सीटों पर सपा व रालोद एक होकर चुनाव लड़ रहे हैं। रालोद के मुखिया अजित सिंह व उपाध्यक्ष जयंत चौधरी जहां कैराना में डेरा डाले हुए हैं और एक के बाद सभाएं कर रहे हैं, वहीं सपा की तरफ से कोई बड़ा नाम यहां नहीं आया। अब पता चला है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी दोनों सीटों पर चुनाव प्रचार करने नहीं आएंगे। इसेस सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
यह भी पढ़ें: Exclusive- कैराना में चुनाव प्रचार के दौरान इस बीमारी का शिकार हुए डिप्टी सीएम मौर्य, प्लेन से दिल्ली रवाना नहीं आया कोई प्रोग्राम इस बारे में सपा के प्रदेश सचिव जगपाल दास का कहना है कि अभी तक कोई प्रोग्राम नहीं आया है और न आने की कोई जानकारी है। वहीं, बिजनौर के जिलाध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि अभी तक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का कोई प्रोग्राम नहीं आया है। उनका कहना है कि अनाधिकृत तौर पर कहा जए तो वह यहां नहीं आ रहे हैं। हां, अगर कोई प्रोग्राम आया तो जानकारी दे दी जाएगी।
यह भी पढ़ें: प्रेमी के साथ आपत्तिजनक हालत में थी बेटी, अचानक पहुंची मां और फिर… सपा कार्यकर्ता मांग रहे वोट दरअसल, गोरखपुर और फूलपुर में मिली सफलता के बाद माना जा रहा था कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कैराना व नूरपुर उपचुनाव में प्रचार करने आ सकते हैं लेकिन अब ऐसा होता नहीं दिख रहा है। हालांकि, सपा के कार्यकर्ता व कुछ सांसद कैराना व नूरपुर में गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में वोट मांग रहे हैं।
यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री की जनसभा के बीच में खड़ी हो गई महिला टीचर तो पुलिस ने किया यह हाल ये हैं उम्मीदवार आपको बता दें कि कैराना लोकसभा सीट पर भाजपा की तरफ से हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह मैदान में हैं, जिनके लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो जनसभाएं कर चुके हैं। वहीं, यहां से रालोद उम्मीदवार तबस्सुम हसन चुनाव लड़ रही हैं, जिन्हें सपा का समर्थन है। उधर, नूरपुर से दिवंगत भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान की पत्नी अवनि सिंह को भाजपा की तरफ से टिकट मिला है, जबकि सपा से नईमुल हसन मैदान में हैं। रालोद ने अखिलेश यादव को स्टार प्रचारक बनाया था लेकिन उन्होंने खुद को प्रचार से दूर रखा।