यह भी पढ़ें-उत्तर प्रदेश बजट 2018: मुरादाबाद में यूनिवर्सिट और मेडिकल कॉलेज खुलने कि जगी उम्मीद लोगों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब अपना दूसरा पूर्ण बजट प्रस्तुत कर रहे होंगे तो वह कुछ ऐसी तस्वीर भी खींच रहे होंगे, जो प्रदेश को खुशहाली के रास्ते पर ले जाता दिख रहा होगा। उम्मीद की जा रही है कि यह बजट किसानों के लिए, कारोबारियों के लिए, नौकरीपेशा वर्ग के लिए, युवाओं के लिए और छात्रों के लिए असीम संभावनाएं लेकर आएगा। इसमें महिलाओं, लड़कियों और बुजुर्गों के लिए पर्याप्त विकल्प दिए होंगे, जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार के साथ-साथ सुरक्षा को लेकर भी ठोस कवायद की जाएगी।
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हालांकि, अखिलेश सरकार ने जब वर्ष 2016-17 में अपना चौथा पूर्ण बजट पेश किया था तब उन्होंने कन्या विद्या धन के लिए 300 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। साथ ही, महिला सशक्तिकरण के लिए 100 करोड़ रुपये का फंड जारी करने की बात कही गई थी। इसके अलावा लैपटॉप स्कीम के लिए भी 100 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। हालांकि, लैपटॉप का सही इस्तेमाल ज्यादातर छात्र नहीं कर पाए, क्योंकि वह उसकी प्राथमिक तकनीक से परिचित नहीं थे। यही वजह रही कि इस अच्छी योजना का लाभ छात्र नहीं उठा सके। यह भी पढ़ें
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लोगों को उम्मीद है इस बार इस प्राथमिक चीजों को ठीक करने पर जोर दिया जाएगा, जिससे उसका सही इस्तेमाल हो सके और लोग उसका फायदा उठा सकें। अखिलेश सरकार ने अपना जो चौथा बजट जारी किया था, वह तीसरे बजट यानी वर्ष 2015-16 के बजट से 10.2 प्रतिशत ज्यादा फंड वाला था। लेकिन कई योजनाओं में बजट का सही इस्तेमाल नहीं हो सका, जिससे प्रदेश को खुशहाली के जिस रास्ते पर आज होना चाहिए। वह नहीं हो सका है। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बजट पेश करते समय कहा था कि उन्होंने जो बजट गांवों पर फोकस करते हुए प्रस्तुत किया है। तब उन्होंने गांवों में 16 घंटे और शहरों में 24 घंटे बिजली देना का वादा किया था, लेकिन यह पूरा नहीं हो सका। लोगों को उम्मीद है कि अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दूसरे बजट में गांव और शहर दोनों जगह की बिजली व्यवस्था पर ध्यान देंगे, जिससे यहां लोगों को ज्यादा से ज्यादा बिजली उपयोग के लिए मिल सके। बजट में लोहिया आवास के लिए 1500 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे, लेकिन आज कई परिवार ऐसे हैं, जिनके पास अपनी छत भी नसीब नहीं है।
मुरादाबाद में लोगों का कहना है कि यहां गरीबों के लिए जो घर बने हैं, वह शहर से इतनी दूर और ऐसी जगह बनाए गए हैं, जहां बुनियादी सुविधाएं नहीं है। यही नहीं, वहां तक संपर्क मार्ग भी नहीं है, जिससे लोग उतनी दूर नहीं जा सकते। इसलिए ज्यादातर घर अब भी खाली हैं और प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी लोग वहां जाने को तैयार नहीं है। लोगों को उम्मीद है कि इस बार योगी सरकार शुक्रवार को जो बजट पेश करेगी वह प्रदेश को खुशहाली के रास्ते पर ले जाने वाला होगा। साथ ही, लोग अपनी तरक्की में भी नई रफ्तार हासिल करेंगे।