नोएडा

UP BOARD RESULT: इस बार परीक्षा छोड़ने वाले छात्रों ने भी बनाया था रिकॉर्ड

11 लाख 29 हजार 7 सौ 86 परीक्षार्थियों ने नहीं दिए थे इम्तिहान

नोएडाApr 29, 2018 / 05:57 pm

Iftekhar

यूपी बोर्ड रिजल्ट

नोएडा. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम रविवार को जारी हो गए। इस बार हाईस्कूल का रिजल्ट 75.16 फीसदी और इंटर का 72.43 फीसदी रहा। इस बार की बोर्ड परीक्षा अपने आप में बेहद खास हुई है। यूपी बोर्ड में पहली बार सभी केन्द्रों पर सीसीटीवी लगाया गया था, जिसके चलते नकल के कम मामले सुनने में आये। इसके बाद इस परीक्षा में ११ लाख से अधिक छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी है इसकी मुख्य वजह नकल रोकने के लिए की गयी सख्ती थी। इसके चलते भी परीक्षा छोडऩे वालों का नया रिकॉर्ड बन चुका है। यूपी बोर्ड पर एक साथ 55 लाख 16 हजार एक छात्र-छात्राओं की परीक्षा कराने की जिम्मेदारी थी। बोर्ड ने सीमित संसाधन में अपनी जिम्मेदारी पूर्ण की है। इस परीक्षा में कई गड़बड़ी भी सामने आयी है जिसको लेकर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने पहले ही बयान दिया था कि जो कमी रह गयी है उसे दूर कर दिया जायेगा।

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11 लाख 29 हजार 7 सौ 86 परीक्षार्थियों ने छोड़ दिया था। इम्तिहान इस वर्ष यूपी बोर्ड की १२वीं की परीक्षा में 30 लाख 17 हजार 32 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था। इन में से 17 लाख छह हजार 479 छात्र और 13 लाख 10 हजार 553 छात्राएं थी। वहीं १०वीं में 37 लाख 12 हजार 508 परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था। इन में से 21 लाख 93 हजार 30 छात्र और 15 लाख 19 हजार 478 छात्राएं है। यानी कुल 67 लाख 29 हजार 540 पंजीकृत थे। लेकिन परीक्षा में सक्ती को देखते हुए इस बार 11 लाख 29 हजार 7 सौ 86 परीक्षार्थियों ने इम्तिहान छोड़ दिया था है। इम्तिहान छोड़ने वालों में हाईस्कूल के छह लाख 60 हजार 507 और १२वीं के चार लाख 69 हजार 279 परीक्षार्थी थे। परीक्षा के पहले 83 हजार 753 परीक्षार्थियों के आवेदन निरस्त कर दिए गए थे। अब 55 लाख 16 हजार एक परीक्षार्थियों का परिणाम घोषित होगा।

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इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने 95 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यह दावा हम नहीं कर रहे हैं बल्कि इलाहाबाद बोर्ड कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों की माने तो ऐसा संभव हो गया है। यूपी बोर्ड का गठन 1922 में हुआ था और पहली बार 1923 में परीक्षाफल जारी हुआ था अभी तक अप्रैल में कभी परीक्षाफल जारी नहीं हुआ है यदि यह दावा सही है तो फिर सीएम योगी सरकार ने95 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है दरअसल, यूपी बोर्ड ने पहली बार 1923 में बोर्ड का परीक्षाफल जारी किया था उस समय देश में अंग्रेजों का शासन था। इसके बाद देश आजाद होने के बाद भी बोर्ड अपने छात्रों का परीक्षाफल जारी करता आया है। पहले तो जुलाई व अगस्त तक परीक्षाफल जारी होता था, लेकिन पूर्व वर्षों में बोर्ड की व्यवस्था में सुधार किया गया था, जिसके चलते जून तक परीक्षाफल जारी हो जाता था। इस बार सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए यूपी सरकार ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में परीक्षाफल जारी किया है। अधिकारियों की माने तो आने वाले समय में और जल्दी भी परीक्षाफल जारी हो सकता है।

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सीबीएससीई व आईसीआइसीई भी पीछे यूपी बोर्ड ने सीबीएससीई व आईसीआईसीई को भी पीछे छोड़ दिया है। आमतौर पर दोनों बोर्ड के रिजल्ट आने के बाद बोर्ड को परीक्षाफल जारी होता था लेकिन अब यूपी बोर्ड ने पहले ही रिजल्ट निकाल दिया है जिसके चलते छात्रों को समय से अगली कक्षा में दाखिला मिल जायेगा। साथ ही विश्वविद्यालयों में प्रवेश के समय अंक पत्र की कमी नहीं रहेगी।

 

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