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विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले 5 महीने छात्रों के लिए काफी अहम और तनावपूर्ण होंगे। ऐसे में छात्रों को बेहतर समय प्रबंधन समस्या से उबार सकता है। उन्हें तय करना होगा कि किस विषय में वे मजबूत हैं और कौन-कौन से हिस्से हैं। जहां वे कमजोर हैं। सबसे पहले उन्हें कमजोरी वाले विषयों पर ध्यान देने की जरूरत है। समय का निर्धारण इस तरह करें कि ज्यादा से ज्यादा रिवीजन के लिए उनके पास वक्त हो। विशेषज्ञ विक्रम माथुर के मुताबिक सीबीएसई के छात्रों के मुकाबले UP Board के छात्रों को इस बार कोर्स पूरा करने के लिए कम समय मिलेगा। यह भी पढ़ें
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CBSE Board की परीक्षाएं अमूमन मार्च के पहले सप्ताह से शुरू होती हैं। ऐसे में UP Board के छात्रों को तैयारी के लिए करीब एक महीना कम मिला है। विक्रम कहते हैं कि अहम ये है कि समय कम होने से छात्रों को तनावग्रस्त होने की जरूरत नहीं है। अगर वे समझदारी से काम लेंगे तो पांच महीने का समय उनके लिए काफी है। यह भी पढ़ें