नोएडा अथॉरिटी में संविदा कर्मचारी थे दोनों मजदूर
जानकारी के अनुसार हामिद और असलम दोनों ही नोएडा अथॉरिटी में संविदा कर्मचारी थे। दोनों ठेकेदार के अंडर में सलारपुर गांव में प्राधिकरण द्वारा कराये जा रहे सीवर लाइन की खुदाई का काम कर रहे थे। वहां पर दिन रात काम किया जा रहा है। गुरुवार की रात भी काम चल रहा था। जहां सीवर लाइन डालने के लिए करीब 15 से 20 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया था। रात करीब 9 बजे बगल की सीवर लाइन अचानक फट गई और बड़ी मात्रा में पानी आ गया। वहां पर कई कर्मचारी काम कर रहे थे। इसबीच प्राधिकरण में अनुबंध पर तैनात हामिद और असलम उसकी चपेट में आने से डूब गये। दूसरे कर्मचारी किसी तरह अपने को बचाने में कामयाबी हो गए। उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस और प्रशासन को दी। जिसे देखते हुए मजदूरों को निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका कुछ पता न चलने पर गाजियाबाद एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया।
एनडीआरएफ की टीम ने घंटों बाद निकाले मजदूरों के शव
देर रात करीब 2.15 बजे एनडीआरएफ की गोताखोरों की टीम इंस्पेक्टर जितेंद्र यादव के नेतृत्व में मौके पर पहुंची और सफाई कर्मचारियों की तलाश शुरू की।पूरी रात टीम को कोई सफलता नहीं मिली। लेकिन लगातार कोशिश के बाद शुक्रवार की सुबह करीब 6.25 बजे पहली और 7.30 बजे दूसरे मजदूर की लाश मिली। पुलिस ने दोनों मजदूरों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। हामिद और असलम मूलरूप से बदायूं के रहने वाले थे और यहां जहांगीरपुरी में किराये के मकान में रहते थे। वहीं मामले में अथाॅरिटी के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि दो मजदूरों की मौत को लेकर प्राधिकरण ने ठेकेदार के खिलाफ सेक्टर- 39 थाने में लापरवाही का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है। इसके साथ ही प्राधिकरण ने जेई सर्किल एक के पवन कुमार को सस्पेंड कर दिया है। वहीं मुआवजे को लेकर अधिकारियों ने कहा कि वह सिर्फ अपने कर्मचारी के साथ अनहोनी होने पर मुआवजा देते है। संविदा ठेकेदार संबंधित मजदूरों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाता।