– बीते कुछ महीनों में ऐसा क्या हुआ कि गंगनहर के इस हिस्से में नहाने वालों लोग डूबने लगे, जबकि इनमें से कई पीडि़त परिजनों का कहना है कि डूबने वाला व्यक्ति अच्छा तैराक था।
– यहां डूबने से होने वाली मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ा, लेकिन पुलिस सक्रिय नहीं हुई। इसके विपरित जो रिपोर्ट दर्ज कराने जाते हैं, उन्हें डांट कर भगा दिया जाता है।
– ये गोताखोर कौन हैं और इनकी नियुक्ति किसके आदेश पर की गई है। यदि यह स्थान वाकई तीर्थस्थल है तो अब तक यहां अधिकृत गोताखारों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई।
— विधायक जता चुके हैं आपत्ति –
बता दें कि इस संबंध में गाजियाबाद की लोनी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी को एक पत्र भी लिखा है। इस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ स्थानीय लोगों ने नहर के पास एक मंदिर बनाया और उसे छोटा हरिद्वार नाम से प्रचारित किया। इससे भ्रमित होकर कुछ श्रद्धालु वहां नहाने और अपने पूर्वजों के तर्पण के लिए आते हैं। यही श्रद्धालु जब नहर में नहाने के लिए जाते हैं तो उसमें पहले से उतरे हुए गोताखोर कुछ खास लोगों को चिन्हित करते हैं और नहर में नहाते समय ही डूबो कर मार देते हैं। इसके बाद उनके शव को नीचे पत्थरों में बंधी रस्सी से बांध देते हैं, जिससे शव पानी के ऊपर नहीं आए। इसके बाद डूबे हुए व्यक्ति के परिजन जब गोताखोरों से शव निकालने की गुहार लगाते हैं तब यही गोताखोर उनसे हजारों रुपये की मांग करते हैं। ‘पत्रिका’ से बातचीत में उन्होंने छोटा हरिद्वार स्थित की पूरी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए, इस मंदिर को अवैध बताया और इसे तत्काल बंद करने की मांग की है।
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एसएसपी को गलत जानकारी किसने दी –
वहीं, गाजियाबाद के एसएसपी के वैभव कृष्ण ने बताया कि इस मामले में पुलिस को कोई शिकायत नहीं मिली है, जबकि दीपक का कहना है कि जब वह पुलिस के पास अपने भाई अरविंद के डूबने की शिकायत लेकर पहुंचा तो उसे डांटकर भगा दिया गया।