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आपको बता दें कि इस साल कुल 5 ग्रहण पड़ने थे। इससे पहले 31 जनवरी को साल का पहला चंद्रग्रहण देखा गया था। इस चंद्रग्रहण के दौरान 152 साल बाद बहुत ही दुर्लभ संयोग बना था। इस बार सूर्यग्रहण का कुछ राशियों पर मिलाजुला असर देखने को मिलेगा।
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सूर्य ग्रहण का समय
नोएडा निवासी पंडित विनोद कुमार शास्त्री के मुताबिक भारतीय समयानुसार 13 जुलाई 2018 को भारत में सुबह 7 बजकर 18 मिनट से लेकर 8 बजकर 13 मिनट 5 सेकंड तक सूर्य ग्रहण रहेगा। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। शास्त्रों के अनुसार इस ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होगा क्योंकि सूतक वहीं माना जाता है, जहां ग्रहण दिखाई देता है। ऐसे में भारतीयों को विशेष उपाय करने की आवश्यकता नहीं है।
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सूर्य ग्रहण के समय ये करें और ये न करें 1. सूर्य ग्रहण के समय मंत्र जाप, ध्यान लगाना, प्रार्थना करना और हवन अच्छे फल देते हैं। हालांकि इस दौरान मूर्ति पूजा नहीं करनी चाहिए।
2. सूतक काल (ग्रहण काल) के खत्म होने के बाद स्नान कर नए वस्त्र धारण करने चाहिए और देवताओं की मूर्तियों को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करना चाहिए। 3. ग्रहणकाल के दौरान तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए और ग्रहण खत्म होते ही पौधे को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध कर देना चाहिए।
4. इस दौरान गायत्री मंत्र या गुरु मंत्र का जाप करना लाभदायक माना जाता है। इसके अलावा, दीपक जलाकर रखना भी शुभ होता है। 5. ग्रहणकाल के दौरान भोजन करना, खाना पकाना, नहाना, शौच के लिए जाना और सोना आदि कार्य नहीं करने चाहिए।
6. ग्रहण खत्म होते ही स्नान कर नए वस्त्र पहनें, अपने पितरों को याद कर दान करें। अगर आसपास कोई धार्मिक स्थल है तो वहां जाएं। 7. ग्रहण खत्म होने के बाद पास के किसी धार्मिक महत्व के घाट पर जाकर गंगा स्नान करना अच्छा रहता है।
9. जिन जगहों पर सूर्य ग्रहण दिखाई देने वाला है, वहां ग्रहण खत्म होने के बाद गरीबों में अनाज, कपड़ों और पैसों आदि का दान करें। ऐसा करने के बाद एक बार और स्नान करें।
10. सूर्य ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का करें जाप
-महामृत्युंजय मंत्र-ओम् त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनं, उर्वारुक्मिव बंधनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
-गायत्री मंत्र-ओम् भूर्भुवस्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योन: प्रचोदयात्
-सूर्य मंत्र-ओम् घृणि सूर्याय नम:
-महामृत्युंजय मंत्र-ओम् त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनं, उर्वारुक्मिव बंधनात् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
-गायत्री मंत्र-ओम् भूर्भुवस्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योन: प्रचोदयात्
-सूर्य मंत्र-ओम् घृणि सूर्याय नम: