शासन- प्रशासन ने सुनी गुहार, अब कोर्ट ने जगाई आस
कोर्ट के फैसले के बाद बायर्स ने मिठाइयों बांटकर अपनी खुशी का इजहार किया। (NEFOWA) नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला निश्चित रूप से उम्मीद जगाने वाला है। कोर्ट ने (NBCC) एनबीसीसी को आम्रपाली के सभी अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने का आदेश देकर 42 हजार (BUYERS) बायर्स को बड़ी राहत दी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब उन्हें उनके सपनों का घर मिल जाएगा। वहीं नेफाेवा की महासचिव श्वेता भारती ने कहा कि वर्ष-2010 से अब तक सालों प्राधिकरण से लेकर प्रशासन और शासन की गुहार और मनुहार में बीत गये, लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी। आखिर, साल-2017 में सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया। उनका यह कदम कारगर साबित हुआ और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें घर दिलाने की पहल की है। आने वाले दिनों में भी जो कुछ होगा, वह सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होगा, इसलिए अन्याय की संभावना नहीं है।
बायर्स के लिए दिवाली की तरह है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
(NEFOMA) नेफोमा के अध्यक्ष अन्नू खान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह ऐतिहासिक फैसला स्वागत योग्य है। उन हजारों (FLAT BUYERS) के लिए दिवाली की तरह है, जो दस साल से हर वर्ष अपने फ़्लैट में दिवाली मनाने की सोचते थे। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि बैंक, (AUTHORITY) प्राधिकरण, (BUILDER) बिल्डर ने मिलकर बयर्स को ठगा है। और बैंक बायर्स से किश्त वसूलने के लिए दबाव नहीं बना सकता है। इससे बायर्स को बहुत राहत मिलेगी। आम्रपाली होम बाएर्स ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए दिल्ली एनसीआर के 42 हजार बायर्स के हितों की रक्षा की है। अब उनके घर का सपना साकार होगा।