उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद के राजनगर में रहने वाले बाहुबली नेता डीपी यादव 4 बार विधायक और 2 बार सांसद रह चुका है। वह कई बार उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रह चुका है। आरोप है कि डीपी यादव अपने साथियों के साथ 13 सितंबर 1992 को दादरी सीट से विधायक महेंद्र भाटी और उनके दोस्त उदय प्रकाश की दादरी रेलवे क्रॉसिंग पर एके-47 से भूनकर हत्या कर दी थी। इस मामले में सीबीआर्इ कोर्ट ने डीपी यादव समेत चार आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। डीपी यादव इस बहुचर्चित हत्याकांड में देहरादून की जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है।
हाल ही में देहरादून जेल में बंद डीपी यादव ने सुप्रीम कोर्ट में स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अर्जी दी थी, जिस पर शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोर्इ की पीठ ने सुनवार्इ करते हुए जमानत देने से साफ इनकार कर दिया। डीपी यादव की अर्जी पर सुनवार्इ करते हुए मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने कहा कि डीपी यादव का अपराध गंभीर है। इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती है। हालांकि पीठ ने डीपी यादव को जेल में ही मेडिकल सुविधा देने की बात कही है। कोर्ट ने देहरादून जेल प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा है कि डीपी यादव के स्वास्थ्य का ख्याल रखना सुनिश्चित करें।