योगी सरकार के एक साल पूरे, 1340 एनकाउंटर में मारे गए 44 बदमाश
योगी सरकार आैर यूपी डीजीपी को जारी किया नोटिस
हाल ही में गैर सरकारी संस्था पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी द्वारा एक याचिका दायर की गर्इ। इसमें संस्था के वकील संजय पारीख ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पिछले एक साल में किए गए 500 एनकाउंटर को फर्जी बताया है। इन एनकाउंटर में करीब 58 लोग मारे गए हैं। इस याचिका पर सुनवार्इ के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार आैर डीजीपी को नोटिस जारी कर दो हफ्ते के भीतर एनकाउंटर से जुड़ी रिपोर्ट आैर जवाब मांगा है। इतना ही नहीं इस सुनवार्इ के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने योगी के एनकाउंटर को लेकर दिए गए एक बयान पर भी आपत्ति जतार्इ।
याेगी के आने के बाद 15 महीने में 1500 एनकाउंटर फिर भी कानून का राज कायम नहीं हो रहा
वेस्ट यूपी पुलिस की इन एनकाउंटरों पर उठ रहे सवाल
योगी सरकार आने के बाद से ही योगी सरकार ने पुलिस को बदमाशों का एनकाउंटर करने की खुली छूट दी थी। जिसके बाद यूपी पुलिस ने एक के बाद एक बारह माह में करीब 1300 एनकाउंटर किए है। इनमें मेरठ जोन सबसे टाॅप पर रहा है। यहां पर पुलिस करीब पांच सौ एनकाउंटर कर चुकी है।इनमें 25 से भी अधिक बदमाशों को पुलिस ने मार गिराया। वहीं कुछ एनकाउंट मामलों में पुलिस फंस सकती है। इनमें ये मुख्य मामले है। जिनमें एनकाउंटर के बाद काफी विवाद हुआ। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने जवाब भी मांग लिया।
-3 अक्टूबर 2017 को ग्रेटर नोएडा पुलिस ने बागपत के रहने वाले सुमित गुर्जर को दादरी में एनकाउंटर में मार गिराया था। वहीं बाद में परिजनों ने इसे फर्जी एनकाउंटर होने का दावा किया था।साथ ही सुमित को निर्दोष बताया। इस पर जमकर पंचायत हुर्इ थी। इस पर राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग ने एसएसपी को नोटिस जारी कर इस एनकाउंटर पर जवाब मांगा था।
-12 सितंबर 2017 को सहारनपुर के शेरपुर गांव के 35 वर्षीय शमशाद को भी पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। शमशाद पिछले दो सालों से देवबंद जेल में बंद थे। पुलिस के मुताबिक उसके खिलाफ लूट और चोरी के कई मामले चल रहे थे और वह 8 सितंबर 2017 को पुलिस की हिरासत से फरार हो गया था। इस पर पुलिस ने उनका पीछा करने की कोशिश की और वह गोलीबारी में मारा गया। लेकिन, शमशाद के परिवार वालों का आरोप है कि उन्हें फर्जी तरीके से एनकाउंटर में मारा गया। परिवार वालों के मुताबिक़ ‘जब उनकी सज़ा ख़त्म होने ही वाली थी। तब वह जेल से क्यों भागता।
-शामली जिले के बंटा गांव में समोसा बेचने वाले असलम 9 दिसंबर, 2017 को नोएडा के दादरी में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। दादरी पुलिस के मुताबिक असलम बड़े अपराध की योजना बना रहे थे। इसी दौरान मुठभेड़ में गोलीबारी में गोली लगने से उनकी मौत हो गई। जबकि परिवार के अनुसार वह इसक तरह का कोर्इ काम नहीं करता था।
– 3 फरवरी 2018 को नोएडा के सेक्टर- 122 निवासी जिम ट्रेनर जितेंद्र कुमार यादव सगार्इ समारोह से वापस लौट रहा था। इसी दौरान एनकाउंटर्स के बीच नोएडा में जिम ट्रेनर को दारोगा द्वारा गोली मारे जाने का मामले सामने आया था। इसे दरोगा द्वारा जिम ट्रेनर का एनकाउंटर ही बताया जा रहा था। लेकिन जिम ट्रेनर का कोर्इ रिकाॅर्ड न मिलने समेत पुलिस अधिकारियों के मामला संज्ञान में आने पर उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि यह एनकाउंटर नहीं बल्कि आपसी रंजिश का मामला लग रहा है। इस मामले में नोएडा में एसएसपी रहे लव कुमार ने चार आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। साथ ही आरोपी दारोगा को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।
कोर्ट के नोटिस पर यूपी के डीजीपी ने दिया ये जवाब
ताबड़तोड़ एनकाउंटर पर सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि नोटिस का अध्ययन किया जा रहा है। पुलिस अपना जवाब दाखिल करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस ने अपराध रोकने के लिए जो भी किया सब कानून के दायरे में रहकर किया है। उन्होंने कहा कि तमाम एनकाउंटर के बावजूद महिला विरुद्ध अपराध में 5.96, डकैती में 39, हत्या में 18 प्रतिशत और अन्य अपराधों में भी अपेक्षित कमी आई है।क्राइम फाइट में मेरठ जोन प्रदेश में अव्वल है, इसके लिए हमें गर्व है।उन्होंने कहा कि पुलिस रूल ऑफ लॉ और संविधान के दायरे में काम करेगी और किसी भी त्यौहार में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था ना हो इसका ध्यान रखा जाएगा। डीजीपी ने कहा कि हमने एटीएस-एसटीएफ को सुसज्जित करने की कोशिश की है। बीते तीन-चार महीनों में आतंकी गतिविधियों में लिप्त टेरर फंडिंग करने वाले नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।