scriptTwin Towers Demolition : जानिये, सुपरटेक ट्विन टावर के निर्माण से लेकर अब तक की 10 महत्वपूर्ण बातें | supertech twin towers demolition 28 august 10 important things | Patrika News
नोएडा

Twin Towers Demolition : जानिये, सुपरटेक ट्विन टावर के निर्माण से लेकर अब तक की 10 महत्वपूर्ण बातें

ट्विन टावर के निर्माण में 70 करोड़ की लागत आई थी, अब 20 करोड़ टावर को गिराने में खर्च किए जा रहे हैं। एक बटन दबाते ही 9 सेकंड में दोनों टावर हो ध्वस्त हो जाएंगे। 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने में गिराने का आदेश दिया था। ट्विन टावर कुतुबमीनार से भी ऊंचे हैं।

नोएडाAug 27, 2022 / 04:43 pm

lokesh verma

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Supertech Twin Towers Demolition : आखिरकार वह घड़ी आ ही गई है, जब आज रविवार को सुपरटेक ट्विन टावर को जमींदोज कर दिया जाएगा। 70 करोड़ की लागत से बनी ट्विन टावर इमारत को ध्वस्त करने में करीब 20 करोड़ रुपए का खर्च किया जा रहा है। करीब 3 साल में बनकर तैयार हुए इन टावर में 3700 किलोग्राम विस्फोटक लगाया गया है। रेड स्विच दबाते ही 32 मंजिला (करीब 100 मीटर) ऊंचे ट्विन टावर महज धराशायी हो जाएंगे। ब्लास्ट को लेकर नोएडा अथॉरिटी के साथ पूरा प्रशासनिक अमला अलर्ट मोड पर है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अथॉरिटी ने एक कंट्रोल रूम की भी स्थापना की है। साथ ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। इसके साथ ही सीएम योगी ने भी नोएडा प्राधिकरण सीईओ और कमिश्नर से जानकारी ली है और सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए हैं। आइये जानते हैं सुपरटेक ट्विन टावर के निर्माण से लेकर अब तक की 10 महत्वपूर्ण बातें।
1- 70 करोड़ की लागत से बने 20 करोड़ में गिरेंगे

70 करोड़ की लागत से बने ट्विन टावर को ध्वस्त करने में करीब 20 करोड़ रुपये का खर्च किए जा रहे हैं। करीब 3 साल में बनकर तैयार हुई इमारतों को महज 9 सेकंड में 3700 किलोग्राम विस्फोटक ध्वस्त करेगा।
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2. हेल्पलाइन नंबर जारी

नोएडा प्राधिकरण ने एक कंट्रोल रूम बनाया है। इसमें तैनात अधिकारी सभी विभागों के साथ समन्वय रखेंगे। कंट्रोल रूम 28 अगस्त सुबह छह बजे से 30 अगस्त तक चौबीस घंटे संचालित होगा। कंट्रोल रूम में 01209-2425301, 0120-2425302, 0120-2425025 शिकायत कर सकते हैं।
3. नो फ्लाइंग जोन

ट्विन टावर ब्लास्ट के दौरान कुछ समय के लिए पूरा क्षेत्र नो फ्लाइंग जोन होगा। प्राधिकरण ने इसको लेकर एयरपोर्ट अथॉरिटी से ऑफ इंडिया से बातचीत की है। इसके साथ ही क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने पर भी प्रतिबंध रहेगा।
4. वायु प्रदूषण रोकेंगी एंटी स्मॉग गन

ध्वस्तीकरण के बाद आवासीय परिसर के निकट धूल और वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए 15 स्थानों पर एंटी स्मॉग गन के साथ वाटर टैंकर की भी प्रबंध किया गया। आवश्यकता पड़ने पर और एंटी स्मॉग गन भी लगाई जाएंगी।
5. मलबे का निस्तारण तेज गति से होगा

ध्वस्तीकरण के बाद मलबे का निस्तारण सेक्टर-80 के सीएंडडी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट पर साइंटिफिक निस्तारण किया जाएगा। साफ-सफाई के लिए चार मैकेनिकल और 100 सफाईकर्मी मौजूद रहेंगे। सड़क फुटपाथ सेंट्रल वर्ज और पेड़ पौधों की धुलाई के लिए 50 वाटर टैंक लगाए जाएंगे।
6. कई बार बदली गई तारीखें

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2021 को आदेश जारी करते हुए तीन महीने में गिराने के आदेश दिए थे। इसके बाद इस तारीख को आगे बढ़ाकर 22 मई 2022 किया गया, लेकिन तैयारी पूरी नहीं होने के कारण ध्वस्त नहीं किया गया। इसके बाद में सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित एजेंसियों को मोहलत दी।
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7. देश में गिरने वाली सबसे ऊंची इमारत

देश की यह लगभग 100 मीटर सबसे ऊंची इमारत होंगी, जिन्हें ताश के पत्तों की तरह ढहाया जाएगा। इससे पहले भारत में इतने ऊंचे अवैध निर्माण को नहीं तोड़ा गया है।
8. मलबा हटाने में लगेंगे 3 महीने

दोनों इमारतों से करीब 35 हजार क्यूबिक मीटर मलबा निकलेगा। इसको साफ करने में कम से कम तीन महीने लगेंगे।

9. आखिर क्यों करना पड़ा गिराने का फैसला
रीयल इस्टेट सेक्टर और बायर्स के बीच ये एक ऐसी लड़ाई थी, जिसमें आम लोग भी भावनात्मक रूप से जुड़े। फायदे के लिए रियल इस्टेट सेक्टर ने नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के साथ भ्रष्टाचार किया और इमारत की ऊंचाई बढ़ती चली गई। जैसे-जैसे टावर की ऊंचाई बढ़ी, विवाद भी लंबा होता चला गया। 2014 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गिराने का आदेश दिया तो मामला सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने एक साल पहले 31 अगस्त 2021 को सेक्टर-93ए में बने सुपरटेक टावरों को अवैध घोषित कर दिया था।
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10. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को बताया था भ्रष्टाचार में लिप्त

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि टावर निर्माण में अनदेखी हुई है। नोएडा अथॉरिटी के भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए 3 महीने में ध्वस्त करने के आदेश दिए थे। यह फैसला एमराल्ड कोर्ट बायर्स की बड़ी जीत था।

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