गुलाम से शादी करने से सीमा खुश थी
हलफनामे (कथित) में कहा गया है कि “मैंने (सीमा रजा) अपने माता-पिता का घर इस कारण छोड़ दिया क्योंकि मेरे माता-पिता, जो लालची व्यक्ति हैं, जबरन मेरी शादी मेरे इच्छा के और सहमति के खिलाफ एक ऐसे व्यक्ति से करना चाहते थे जो आवारा किस्म का आदमी था।” इसके अलावा हलफनामे में यह भी कहा गया है कि सीमा ने बिना किसी “बल, भय, दबाव” के गुलाम हैदर जखरानी से शादी करने का फैसला किया है। हलफनामे में सीमा ने लिखा कि यह निर्णय उसकी अपनी इच्छा और सहमति से लिया गया था और गुलाम से शादी करने से उसे खुशी मिलेगी।
हलफनामे (कथित) में कहा गया है कि “मैंने (सीमा रजा) अपने माता-पिता का घर इस कारण छोड़ दिया क्योंकि मेरे माता-पिता, जो लालची व्यक्ति हैं, जबरन मेरी शादी मेरे इच्छा के और सहमति के खिलाफ एक ऐसे व्यक्ति से करना चाहते थे जो आवारा किस्म का आदमी था।” इसके अलावा हलफनामे में यह भी कहा गया है कि सीमा ने बिना किसी “बल, भय, दबाव” के गुलाम हैदर जखरानी से शादी करने का फैसला किया है। हलफनामे में सीमा ने लिखा कि यह निर्णय उसकी अपनी इच्छा और सहमति से लिया गया था और गुलाम से शादी करने से उसे खुशी मिलेगी।
“गुलाम, हमें परेशान मत करो”
हालांकि, जब सीमा अपने प्रेमी के साथ रहने भारत आ गई है और अब जब गुलाम हैदर उससे वापस पाकिस्तान आने की अपील कर रहा तो सीमा हैदर ने जवाब देते हुए कहा कि “गुलाम, हमें परेशान मत करो। हमें जीने दो। हमें बिना किसी कारण के मत फंसाओ। तुम जहां भी हो वहीं रहो और हमें जीने दो। अपनी पहली पत्नी के बच्चों का ख्याल रखना।
हालांकि, जब सीमा अपने प्रेमी के साथ रहने भारत आ गई है और अब जब गुलाम हैदर उससे वापस पाकिस्तान आने की अपील कर रहा तो सीमा हैदर ने जवाब देते हुए कहा कि “गुलाम, हमें परेशान मत करो। हमें जीने दो। हमें बिना किसी कारण के मत फंसाओ। तुम जहां भी हो वहीं रहो और हमें जीने दो। अपनी पहली पत्नी के बच्चों का ख्याल रखना।