सपा के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल यादव ने बताया कि यह रुटीन प्रक्रिया के तहत फैसला लिया गया है। हर बार चुनाव के बाद इन इकाइयों को भंग किया जाता है। इससे नए लोगों को भी मौका मिलता है। इसमें अब लोगों की मेहनत देखकर पद दोबारा दिए जाएंगे। समाजवादी पार्टी के सभी विधायकों, पूर्व विधायकों, सांसद, पूर्व सांसदों और पूर्व मंत्रियों के साथ अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बैठक कर यह फैसला लिया है।
गौरतलब है कि यूपी में होने वाले उपचुनाव को लेकर भी सपा समेत अन्य पार्टियों ने तैयारी तेज कर दी है। माना जा रहा है कि इसी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि नए लोगों को मौका देकर पार्टी में जान भरने का कार्य करने के लिए भी यह फैसला लिया गया है।