मायावती के बाद अब ये भी दे सकते हैं अखिलेश को झटका, जल्द हो सकता है आखिरी ऐलान
-मायावती गठबंधन से अलग होने और प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में अकेले मैदान में उतरने का ऐलान कर चुकी हैं
-अब गठबंधन के तीसरे घटक ने भी उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है
-यूपी में 11 सीटों पर होना है उपचुनाव
नोएडा। लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड बहुमत के बाद सपा-बसपा और रालोद का गठबंधन टूटने की कगार पर है। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती पहले ही गठबंधन से अलग होने और उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में अकेले मैदान में उतरने का ऐलान कर चुकी हैं। वहीं अब गठबंधन के तीसरे घटक राष्ट्रीय लोकदल ने भी प्रदेश में उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। जिसके बाद यह भी चर्चा है कि बसपा के बाद अब रालोद भी प्रदेश में अकेले ही उपचुनाव लड़ने का ऐलान कर सकती है।
दरअसल, बुधवार को एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने कहा कि राष्ट्रीय लोक दल एक राजनीतिक दल है और हम यूपी विधानसभा के उपचुनाव में मैदान में उतरेंगे। वहीं प्रदेश की राजनीतिक परिदृश्य पर बोलें कि इस पर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी। जहां तक उपचुनाव में प्रत्याशियों के चयन की बात है तो ये फैसला हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व- चौधरी अजीत सिंह और जयंत चौधरी करेंगे। रालोद के लिए प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इसमें पार्टी को अपनी उपस्थिति महसूस कराने का मौका मिलेगा।
गठबंधन पर दिया ये जवाब उन्होंने कहा कि रालोद हमेशा समाजवादी पार्टी के साथ रहा है और अखिलेश यादव के कोटे से सीटें हमें मिली थीं। हमारी इच्छा है कि प्रदेश में गठबंधन एकजुट और मजबूत रहे। कांग्रेस को भी गठबंधन का हिस्सा होना चाहिए था। नफा नुकसान के बारे में विश्लेषण बाद में ही किया जाएगा। जरूरत है कि गठबंधन अपना कुनबा बढ़ाए, ताकि भाजपा के खिलाफ एक मजबूत ताकत बनकर हम उभर सकें।
लोकसभा चुनाव में रालोद के खाते में एक भी सीट नहीं बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में रालोद ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था। हालांकि पार्टी को एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई। जिसके बाद अब चर्चा है कि रालोद भी उपचुनाव में अकेले मैदान में उतर सकती है और इसके लिए जल्द ही ऐलान किया जा सकता है।
मायावती ने किया था ये ऐलान गौरतलब है कि गत मंगलवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का वोट ट्रांसफर न होने का आरोप लगाते हुए गठबंधन से अलग होने की घोषणा की। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि पार्टी अब प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव अकेले ही लड़ेगी।