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इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिवाली पर अयोध्या का तोहफा देने का वादा किया था। जिसके चलते फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अब अयोध्या कर दिया गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक समय ऐसा भी था जब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले का नाम भी फैजाबाद रख दिया गया था। हालांकि एक व्यक्ति ने उस समय सलाह न दी होती तो शायद आज इतिहास कुछ और ही होता। दरअसल, मुगलों के शासन काल से 400 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश में कटेहर राजपूतों का शासन हुआ करता था। वहीं रूहेला शासकों से पूर्व मुरादाबाद मंडल का रामपुर जिला एक रियासत था और इसकी सीमाएं काफी दूर तक थीं। बताया जाता है कि करीब 645 वर्ग मील में रामपुर का भूभाग फैला था और 1200-1300 ईसा पूर्व यहां कटेहर राजपूत राजा राज किया करते थे। इनमें से एक राजा रामसिंह के नाम पर ही इस क्षेत्र का नाम रामपुर रखा गया था और इन्हीं के नाम पर चार छोटे-छोटे गांव भी बनाए गए थे। फिर पूरे नगर को रामपुर नाम दिया गया था।
इस बाबत इतिहासकार और अधिवक्ता शौकत अली खां बताते हैं कि अवध की रियासत के समझौते के तौर पर रामपुर को रूहेला शासकों ने भेंट किया था। यहां मुगल शासन से पूर्व राजपूत राजाओं का अधिकार हुआ करता था। फिर 7 अक्टूबर 1774 में नवाबी शासन यहां पर शुरू हुआ। वहीं 1733 ईसवी में बरेली के आंवला में जन्मे फैजुल्ला खां रामपुर के पहले नवाब बने थे। इसकी कमान हाथ में आने के बाद उन्हें क्षेत्र का नाम रामपुर पसंद नहीं आया और इस्लाम में आस्था होने के कारण वह इसका नाम बदलना चाहते थे। वह फारसी और अरबी के अच्छे जानकार थे और उसी भाषा से अपनी रियासत का नाम लेना चाहते हैं। उन्होंने ही सबसे पहले रामपुर का नाम बदला था।
नवाब फैजुल्ला खां ने रामपुर का नाम बदलकर फैजाबाद कर दिया था और कई दिनों तक इसका नाम फैजाबाद ही रहा। लेकिन पहले से ही मुगलों ने फैज़ाबाद नाम से एक नगर बसाया हुआ था। जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश का एक जिला भी है और दीपावली के दिन इसका नाम बदलकर अयोध्या किया गया है। उस दौरान रामपुर नवाब के एक सिपहसालार ने उन्हें बताया कि फैजाबाद के नाम से पहले से ही एक नगर पूर्वी भाग में बसा हुआ है। जिसके बाद नवाब ने रामपुर यानी तत्कालीन ‘फैजाबाद’ का नाम बदलकर मुस्तफाबाद कर दिया।
इसके बाद कई दिनों तक इसी नाम से रियासत का कामकाज चलाया गया। लेकिन समय बाद ही उनके सिपहसालारों ने बताया कि मुस्तफाबाद नाम से भी पहले से ही एक नगर है। इसके बाद उन्होंने रामपुर नगर के कई दूसरे नाम सुझाए। जब उनके बारे में पता किया गया तो मालूम हुआ कि इन सभी नामों से पहले से ही मुगल साम्राज्य में नगर बसा हुआ है। जिसके बाद नवाब फैजुल्ला खां ने रामपुर का नाम बदलने का प्रस्ताव निरस्त कर दिया और इसका नाम तब से ही रामपुर चला आ रहा है। सोचिए कि यदि उस वक्त फैज़ाबाद न होता तो आज अयोध्या फैज़ाबाद जिले का हिस्सा न होता। बल्कि फैजाबाद मुरादाबाद मंडल का एक जिला होता।