यह है शुभ मुहूर्त और भद्रा काल पंडित रामप्रवेश तिवारी के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा 25 अगस्त को दोपहर 3.16 बजे शुरू हो जाएगी, जो 26 अगस्त को शाम 5.25 तक रहेगी। उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त को प्रातः 05.59 से शाम 5.25 तक रहेगा। अच्छी बात यह है कि इस बार भद्रा काल 26 अगस्त को सूर्योदय से पहले ही खत्म हो जाएगा। आपको बता दें कि भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है। पंडित रामप्रवेश तिवारी का कहना है कि भद्रा काल में राखी नहीं बांधी जाती है।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यहां झाड़ू चढ़ाते हैं भक्त
यह है कथा पुराणों के अनुसार, बहुत समय पहले असुरों और देवताओं में युद्ध हुआ था। दोनों के बीच कई साल तक लड़ाई चलती रही। 12 साल के युद्ध के बाद असुरों ने देवताओं को हराकर देवराज इंद्र के सिंघासन पर कब्जा जमा लिया था। इसके बाद इंद्र समेत अन्य देवता देवगुरु बृहस्पति की शरण में गए अौर उनसे मदद मांगी। इस पर देवगुरु ने श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षा विधान संस्कार आरंभ किया। इस दौरान मंत्रोच्चारण से रक्षा पोटली को मजबूत किया गया। पूजा के समापन के बाद भगवान इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने इस रक्षा पोटली को उनके दाहिने हाथ पर बांध दिया। कहा जाता है कि इस रक्षा पोटली की ताकत से देवराज इंद्र ने असुरों को हराया था। इसके बाद यह त्यौहार मनाया जाने लगा। वर्तमान समय में बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उससे रक्षा करने का संकल्प लेती है।