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गौतनबुद्धनगर से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी जितेन्द्र सिंह को मात्र 502 वोट मिले हैं, जबकि यहां नोटा के हिस्से में 3405 वोट आए हैं। इसी प्रकार गाजियाबाद से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSPL) के सेवा राम कसाना 2217 वोट मिले। जबकि यहां नोटा को 3705 वोट मिले हैं। वहीं, बुलंदशहर से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSPL) प्रमोद कुमार को 1922 वोट मिले है, जबकि नोटा को 3053 मिले हैं। अमरोहा से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSPL) मतलूब अहमद को 576 वोट मिले, जबकि नोटा को 4188 मिले हैं। इसी तरह संभल से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSPL) के प्रत्याशी करण सिंह यादव को 976 मिले। यानी जहां से भी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSPL) के उम्मीदवारों ने ताल ठोकी, उन्हें न सिर्फ हार का मुंह देखना पड़ा, बल्कि नोटा से भी कम वोट लेकर अपनी जमानत भी जब्त करा ली है।
फीरोजाबाद में भतीजे अक्षय यादव के सामने ताल ठोक रहे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSPL) के मुखिया खुद शिवपाल यादव भी कोई चमत्कार नहीं दिखा पाए। दोपहर 2.45 बजे तक उन्हें मात्र 37023 मिले थे। जबकि उनके भतीजे अक्षय यादव 199580 मतों के साथ सबसे आगे चल रहे हैं। गौरतलब है कि सपा में लंबी रार के बाद प्रसपा बनाकर अलग रास्ते पर निकले शिवपाल ने रामगोपाल के बेटे अक्षय यादव के खिलाफ ताल ठोकी थी।