मंदिर में नाग-नागिन को इस रूप में देख सैकड़ों लोग रह गए दंग, आप भी दबा लेंगे दांतों तले उंगलियां, देखें वीडियो- उल्लेखनीय है कि रविवार को यमुना प्राधिकरण में जमीन खरीद में 126.42 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश हुआ था। यीडा के सीईओ रहते हुए पीसी गुप्ता ने जिस साजिश के तहत मथुरा के गांवों की जमीन खरीदी थी उसका कोई औचित्य नहीं था। फिर भी उन्होंने 19 शेल कंपनी बनाकर 57.1549 हेक्टेयर जमीन खरीदी और प्राधिकरण को 126.42 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। सूत्र बताते हैं कि सभी शेल कंपनियों में पीसी गुप्ता के रिश्तेदार शामिल हैं। इस बाबत यीडा के चेयरमैन प्रभात कुमार के निर्देश पर कासना थाने में यीडा के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता और डीसीओ सतीश कुमार समेत 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद एसएसपी ने आरोपी अफसरों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीम बनाई हैं। इन टीमों ने पहले आरोपी अफसरों के खिलाफ प्राथमिक सबूत जुटाए और फिर उनकी गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश दी। बताया जाता है कि पुलिस की एक टीम ने यीडा के पूर्व सीईओ के घर पर भी दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिले।
भाजपा सरकार में अाया अनोखा फरमान, घर में कुत्ता दिखा तो भरने पड़ेंगे इतने हजार समाजवादी पार्टी की सरकार में सौंपी गई थी बड़ी जिम्मेदारी समाजवादी पार्टी की सरकार में पीसी गुप्ता की हनक सत्ता तक थी। वह पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में एसीईओ के पद पर तैनात थे। वहीं पर उन्हें प्रमोशन मिला और वह आईएएस बनाए गए। इसके बाद उन्हें यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में सीईओ के पद पर नियुक्त कर दिया गया। बताया जाता है कि सत्ता में पहुंच का ही नतीजा था कि पीसी गुप्ता को यीडा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यीडा के मौजूदा चेयरमैन प्रभात कुमार की सजगता से हुए इस खुलासे के बाद यहां से लखनऊ तक हड़कंप मचा हुआ है। बताया जाता है कि प्रभात कुमार ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी है, जिसमें उन्होंने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने का आग्रह किया है।