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सोसायटी की ओर से सूचना दिए जाने के बाद वन विभाग की टीम ने रविवार शाम को मोरनी के बच्चों को सेक्टर-94 स्थित ऐनिमल शेल्टर को सौंप दिया। सोसायटी के गार्ड तेजपाल ने बताया कि सी टावर के फ्लैट नंबर 207 के छज्जे पर पास के गांव से आई मोरनी ने लगभग 20-25 दिन पहले अंडे दिए थे। करीब चार दिन पहले उससे 4 बच्चे निकले। शनिवार को वे छज्जे से नीचे गिर गए। लोगों की नजर पड़ी तो मच्छरदानी से एक जालीदार शेल्टर होम बनाया गया। दिनभर उसमें रखने के बाद लोगों ने रात में उन्हें पिंजरे में रखा।
सोसायटी की ओर से सूचना दिए जाने के बाद वन विभाग की टीम ने रविवार शाम को मोरनी के बच्चों को सेक्टर-94 स्थित ऐनिमल शेल्टर को सौंप दिया। सोसायटी के गार्ड तेजपाल ने बताया कि सी टावर के फ्लैट नंबर 207 के छज्जे पर पास के गांव से आई मोरनी ने लगभग 20-25 दिन पहले अंडे दिए थे। करीब चार दिन पहले उससे 4 बच्चे निकले। शनिवार को वे छज्जे से नीचे गिर गए। लोगों की नजर पड़ी तो मच्छरदानी से एक जालीदार शेल्टर होम बनाया गया। दिनभर उसमें रखने के बाद लोगों ने रात में उन्हें पिंजरे में रखा।
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सूचना देने के बाद भी वन विभाग ने नहीं दिया कोई रेस्पांस
यहां रहने वाले एक स्थानीय निवासी ने बताया कि रविवार सुबह 10 बजे जिला वन विभाग को सूचना दी गई, लेकिन वहां से कोई रेस्पांस नहीं मिला। इसके बाद चांदनी चौक के एक एनजीओ को कॉल किया गया। वहां से बताया गया कि उन बच्चों को लेकर दिल्ली आना होगा। उसके बाद लोगों ने 100 नंबर पर फोन किया। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने जिला वन अधिकारी पी के श्रीवास्तव को मामले की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने दादरी रेंज के वनरक्षक राम अवतार को मौके पर भेजकर मोरनी के चारों बच्चों को सेक्टर-94 के अनिमल शेल्टर में भिजवाया।
सूचना देने के बाद भी वन विभाग ने नहीं दिया कोई रेस्पांस
यहां रहने वाले एक स्थानीय निवासी ने बताया कि रविवार सुबह 10 बजे जिला वन विभाग को सूचना दी गई, लेकिन वहां से कोई रेस्पांस नहीं मिला। इसके बाद चांदनी चौक के एक एनजीओ को कॉल किया गया। वहां से बताया गया कि उन बच्चों को लेकर दिल्ली आना होगा। उसके बाद लोगों ने 100 नंबर पर फोन किया। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने जिला वन अधिकारी पी के श्रीवास्तव को मामले की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने दादरी रेंज के वनरक्षक राम अवतार को मौके पर भेजकर मोरनी के चारों बच्चों को सेक्टर-94 के अनिमल शेल्टर में भिजवाया।
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आसपास के गांव में रहते हैं मोर
यहां के एक अन्य स्थानीय निवासी मोहित यादव ने बताया कि आसपास में गढ़ी चौखंडी, सर्फाबाद और पर्थला गांव पड़ते हैं, जहां पर मोर-मोरनी दिख जाते हैं। उम्मीद है कि वहीं से कोई मोरनी सोसायटी में आई होगी और यहां पर अंडे दिए होंगे। वहीं रविवार का दिन होने की वजह से सोसायटी में रहने वाले लोगों और बच्चों में उन्हें देखने और दाना खिलाने की काफी उत्सुकता रही। कई लोगों ने उनके साथ फोटो भी खिंचवाए।
आसपास के गांव में रहते हैं मोर
यहां के एक अन्य स्थानीय निवासी मोहित यादव ने बताया कि आसपास में गढ़ी चौखंडी, सर्फाबाद और पर्थला गांव पड़ते हैं, जहां पर मोर-मोरनी दिख जाते हैं। उम्मीद है कि वहीं से कोई मोरनी सोसायटी में आई होगी और यहां पर अंडे दिए होंगे। वहीं रविवार का दिन होने की वजह से सोसायटी में रहने वाले लोगों और बच्चों में उन्हें देखने और दाना खिलाने की काफी उत्सुकता रही। कई लोगों ने उनके साथ फोटो भी खिंचवाए।