उत्तराखंडी दो तरह मनाते हैं होली होली मनाने का तरीका उत्तराखंड में थोड़ा अलग है। यहां लोग तबले, मंजीरे और हारमोनियम की गूंज के साथ होली मनाते हैं। अल्मोड़ा में एक तरफ सांझ ढलते ही हुल्यारों की महफिल सज जाती है। वहीं कुमाऊं मंडल के नैनीताल और चंपावत समेत अन्य स्थानों पर लोग तबले की थाप, मंजीरे की खनखन और हारमोनियम के साथ में मधुर सुर में गीत गाते हैं। बता दें कि उत्तराखंड में खड़ी और बैठकी दो तरह से होली मनाई जाती है। अखिल भारतीय उत्तराखंड महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष योगेंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि होली के समय गांव में हम सभी टोलियों में निकलते थे। अब नोएडा में रहने पर भी हम इस परंपरा को निभा रहे हैं।
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कायस्थ समुदाय फूलों से खेलता है होली शहर में नारायण सांस्कृतिक चेतना न्यास और श्री चित्रगुप्त महासभा ट्रस्ट द्वारा हर साल होली मिलन समारोह का आयोजन किया जाता है। इनके होली मिलन समारोह की खासियत है कि इसमें लोगों द्वारा रंगों के प्रयोग की जगह सिर्फ फूलों से होली खेली जाती है। संस्था के अध्यक्ष राजन श्रीवास्तव ने बताया कि होली के पर्व पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लोग खूब आनंद लेते हैं। इस दौरान होली के गीत-संगीत का आयोजन किया जाता है। हालांकि हमें आज भी अपने बिहार की होली ही पसंद आती है। वहां की मिट्टी की खुशुबू और अपनापन अलग ही है। हम नोएडा में रहने वाले अपने बिहार के लोगों और विभिन्न प्रांतों के लोगों के साथ बढ़-चढ़कर इस त्योहार को मनाते हैं।
पूर्वांचल की होली पर भोजपुरी का जादू पूर्वांचल में होली का पर्व बसंत पंचमी को अरंडी गाड़ने से शुरू होता है। इसे करने के बाद लोग शाम को समूहों में बैठकर फगुआ गाते हैं और लगभग रोज ही किसी ने किसी जगह पर गीत-संगीत का कार्यक्रम चलता रहता है। ब्राह्मण समाज सेवा समिति के महासचिव हरीश मिश्रा ने बताया कि हम नोएडा में सभी वर्गों के साथ मिलकर होली मनाते हैं। हालांकि पूर्वांचल की होली में भोजपुरी गीतों का जादू चलता है और इसके लिए हम भोजपुरी गायकों के जरिए अपने होमटाउन की होली की याद को ताजा करते हैं।
नोएडा में दिखती है पंजाब की खुशबू पंजाबी भी हर पर्व की तरह होली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। इस पर्व पर नोएडा के विभिन्न सेक्टरों में रहने वाले पंजाबी लोग एक दूसरे के घरों पर जाते हैं। साथ ही दिन भर गुझियां, ठंडाई और नमकीन की दावत चलती है। नोएडा इंडस्ट्रीज वेलफेयर असोसिएशन के अध्यक्ष दलजीत सिंह ने बताया कि पंजाब में होली पर एक दूसरे के घर जाकर मिठाई खाना होला मोहल्ला कहा जाता है। यह त्योहार को होली के अगले दिन पवित्र धर्मस्थान श्री आनंदपुर साहिब में मनाया जाता है।
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मंगल सेन ने जानकारी देते हुए बताया को होली के पर्व पर हमारे द्वारा सभी समाज के लोगों को विशेषतौर पर आमंत्रित किया जाता है। इस पर्व के माध्यम से हमें आपस में प्रेम और सौहार्द की सीख मिलती है।