यही कारण है कि उन्होंने बिना बुलेटप्रूफ जैकेट के राठी की बैरक में जाने से साफ इंकार कर दिया है। जिसके बाद अब उनके लिए बुलेटप्रूफ जैकेट का इंतजाम किया गया और उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच सुनील राठी की बैरक में ले जाया गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हत्याकांड मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी को पूछताछ के लिए सुनील राठी की बैरक में जाना था। लेकिन खौफ के चलते अधिकारी ने वहां जाने से इंकार कर दिया। बताया जा रहा है कि अधिकारी ने पहले जेल अधीक्षक से बुलेटप्रूफ जैकेट का इंतजाम करने को कहा। जिसके बाद उन्हें बुलेटप्रूफ जैकेट मुहैया कराई गई और अधिकारी पूछताछ करने सुनील राठी की बैरक में पहुंचे।
वहीं जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्र का कहना है कि कि पूछताछ व जांच के लिए जेल में आने वाले सभी अधिकारियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। पुलिस सुरक्षा में ही उन्हें सुनील राठी के पास भेजा जा रहा है। इसके अलावा बुलेटप्रूफ जैकेट की मांग करने पर उन्हें मुहैया कराई जा रही है। मांग करने पर बुलेटप्रूफ जैकेट भी उपलब्ध कराई जा रही है।
चाय के दौरान हुआ था विवाद जेल में बंद एक बंदी ने पुलिस को दी जानकारी के अनुसार मुन्ना की मौत से पहले सुबह करीब 5 बजे जब बैरक खुली तो मुन्ना बजरंगी, सुनील राठी और विक्की सुन्हैडा बाहर आए। यहां वह तीनों चाय का इंतजार करने लगे। वहीं जब चाय नहीं आई तो बजरंगी नहाने चल दिया। इस दौरान राठी और बजरंगी की किसी टेंडर की बात को लेकर कहासुनी हो गई। तभी राठी के पास एक फोन आया था। जिसके बाद उसने पिस्टल से बजरंगी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।