फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव से चुनाव आयोग ने लिया सबक, इस उपचुनाव के लिए बनाए ये नियम
सूत्रों के मुताबिक पार्टी इन सीटों को जीतकर फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव की हार का बदला लेना चाहती है साथ ही अपनी सीटों पर कब्जा बरकरार रखकर अपनी इज्जत बचाना चाहती है। इधर सपा भी बसपा द्वारा समर्थन के इंतजार में है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव बसपा प्रमुख मायावती की सपा को समर्थन देने की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। बीते लोकसभा व विधानसभा चुनाव में दोनों सीटों पर सपा प्रत्य़ाशी को दूसरा स्थान मिला था। इसलिए सपा भी इन सीटों को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। फिलहाल की स्थिति को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि सभी दल फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं।योगी के इस कद्दावर मंत्री ने कैराना में भाजपा की भारी वोटों से जीत की बताई ये बड़ी वजह तो पसर गया सन्नाटा
प्रत्याशी चयन को लेकर सभी के पसीने छूटते नजर आ रहे हैं। हालांकि सूत्रों की मानें तो भाजपा से कैराना से दिवंगत भाजपा सांसद हुकुम सिंह की बेटी का टिकट लगभग फाइनल है, जबकि नूरपुर सीट से भी दिवंगत भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान की पत्नी अवनि सिंह का भी टिकट लगभग फाइनल है। अगर इन सीटों पर सपा-बसपा का गठबंधन हुआ तो भाजपा को जीत के लिए कड़ी मशक्तत करनी पड़ेगी क्योंकि दोनों ही सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी है।03 मई से 10 मई तक होगें नामंकन
11 को होगी नामांकन पत्रों की जांच
14 मई को होगी नाम वापसी
28 मई को मतदान
31 मई को होगी मतगणना