मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में सेक्टर-11 निवासी देवेंद्र सिंह अवाना ने कहा है कि विश्वव्यापी कोरोना संकट से हम सभी घिरे हुए हैं। प्रदेश सरकार ने जानलेवा अदृश्य वायरस के खिलाफ जंग के लिए जो फैसले और व्यवस्थाएं की हैं, वह स्वागत योग्य हैं। स्थानीय किसानों की भूमि पर ही नोएडा बसा है। लेकिन, शहर बसाने के लिए जिन किसानों की जमीन ली गई, उनके भरण-पोषण का समुचित इंतजाम नहीं किया गया है। वादे के मुताबिक किसान परिवार के एक बच्चे को नौकरी का वादा भी अब तक पूरा नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की मासिक आमदनी का मुख्य स्रोत सिर्फ मकानों का किराया ही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर यहां के ग्रामीणों ने किरायेदारों से कोई किराया नहीं लिया। ऐसे में नोएडा के ग्रामीण भी आर्थिक संकट में घिरे हुए हैं। इसलिए ग्रामीण मकान मालिकों के तीन महीने के बिजली और पानी का बिल माफ किया जाना चाहिए, जिससे उन्हें भी कुछ राहत मिल सके।
उधर, किसान एकता संघ ने भी मुख्यमंत्री को ट्वीट कर नोएडा के ग्रामीण मकान मालिकों के बिजली, पानी और बच्चों के स्कूल की फीस माफ करने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष सोरन प्रधान ने कहा है कि यहां के ग्रामीणों ने न सिर्फ किराया माफ किया है, बल्कि किरायेदारों के खाने-पीने का भी इंतजाम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने जिस तरह से गरीबों और वंचितों के प्रति उदारता दिखाई है, उसी तरह संकट में फंसे यहां के ग्रामीणों को भी राहत देना चाहिए। इसके अलावा ग्रामीण सतपाल नागर और रवि यादव ने भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर बिजली, पानी और बच्चों के स्कूल की फीस माफ करने की मांग की है।