बता दें कि ट्विन टावर ब्लास्ट के बाद मलबे को निस्तारित करने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को एक प्लान सौंपा जाना है, जो अभी तक नहीं मिला है। ट्विन टावर जमींदोज होने के बाद यह प्लान लागू होगा। एडिफिस कंपनी ने फिलहाल मलबे इकट्ठा करने के लिए टावर की चारों तरफ 30-30 मीटर वाले कंटेनर लगा दिए हैं। विस्फोट होते ही मलबा बेसमेंट के साथ इन्हीं कंटेनर में गिरेगा। इसके बाद मलबे से सरिया अलग करने की कवायद की जाएगी। फिर मलबे के निस्तारण की प्रक्रिया शुरू होगी।
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किसानों को अब फसल में नहीं होगा नुकसान, फसलों की ग्रोथ रुकी तो ये डिवाइस करेगी अलर्ट नीची सड़कों को किया जाएगा ऊंचा बताया जा रहा है कि कंपनी की तरफ से मलबे के निस्तारण के लिए प्लान तैयार कर लिया गया है। इस प्लान के तहत तीन साइट का चयन भी कर लिया गया है। जहां जमीन का लेवल काफी नीचे है, वहां मलबे का इस्तेमाल होगा। मलबे का निस्तारण बंद ट्रकों के माध्यम से किया जाएगा, ताकि धूल सड़क पर नहीं उड़े। साइट पर मलबे को नीची सड़कों पर डालकर उनका लेवल बढ़ाया जाएगा।
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प्रदेश में 31 अपर पुलिस अधीक्षक के ट्रांसफर, पश्चिमी में तैनात इन अधिकारियों पर गाज 24 घंटे पहले ढकी जाएंगी सभी इमारत ट्विन टावर और उसके आसपास की इमारतों को विस्फोट से 24 घंटे पहले जियो टैक्सटाइल फाइबर व आयरन शीट से ढका जाएगा, ताकि किसी को किसी प्रकार का नुकसान न हो। वहीं, पार्क और हरित क्षेत्र में मोटी प्लास्टिक शीट के माध्यम से धूल के गुबार से बचाया जाएगा। कंपनी की तरफ से सभी तैयारियां पूरा करने का दावा किया जा रहा है।