यह भी पढ़ें- गोरखपुर पहुंचे सीएम योगी, कल उद्योग भवन का करेंगे लोकार्पण बैठक में परामर्शदाता संस्था पीडब्ल्यूसी, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और यमुना प्राधिकरण के सीईओ डाॅ. अरुण वीर सिंह ने प्रस्तुति करण दिया। इसमें कुल 5 रनवे की फीजिबिलिटी बतायी गई। प्रजेंटेशन में डॉ. अरुण वीर सिंह ने बताया कि वर्तमान में दो रनवे के अतिरिक्त तीन और रनवे बनाए जा सकते हैं। इस पर गहन विचार-विमर्श के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली पीएमआईसी ने 5 रन वे बनाए जाने और वित्त की उपलब्धता होने पर भूमि अधिग्रहण करने की संस्तुति मंत्रिपरिषद के लिए कर दी।
जेवर में बनने वाले एयरपोर्ट के दो रनवे को बढ़ाकर पहले 4 से 6 रनवे किए जाने के सम्बन्ध में तकनीकी परामर्शदाता के अध्ययन की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में दो रनवे के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर के विकास के लिए ग्लोबल ई-बिडिंग में माध्यम से विकासकर्ता के रूप में ज्यूरिक एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी का चयन किया जा चुका है। बीती 7 अक्टूबर को कन्शेसन एग्रीमेंट ज्यूरिक एयरपोर्ट और राज्य सरकार की कंपनी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नायल) के मध्य हस्ताक्षरित हो चुका है।
यह भी पढ़ें- सरकारी कार्यशैली से प्रभावित बिट्टन देवी ने पीएम मोदी के नाम की अपनी जमीन, फैसले के पीछे बताई भावुक वजह प्रथम चरण में तीसरे रनवे के लिए 1365 हेक्टयर भूमि का अधिग्रहण
प्रथम चरण में तीसरे रनवे के लिए 1365 हेक्टयर भूमि का अधिग्रहण होगा। प्रथम चरण के दो रनवे के लिए 1334 हेक्टयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। दूसरे चरण में तीन रनवे के लिए कुल 3418 हेक्टयर और भूमि की जरूरत होगी। दूसरे चरण के प्रथम फेज में 1365 हेक्टेयर, दूसरे फेज में 1318 हेक्टेयर और तीसरे फेज में 735 हेक्टेयर की भूमि सम्मिलित होगी। पांच रनवे के जेवर एयरपोर्ट में कुल 4752 हेक्टयर की भूमि सम्मिलित होगी।
विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण करने की आवश्यकता अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन और अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एवं नागरिक उड्डयन एसपी गोयल ने भी जेवर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण करने की आवश्यकता बतायी। बैठक में प्रमुख सचिव न्याय जेपी सिंह, विशेष सचिव मुख्यमंत्री एवं नागरिक उड्डयन सुरेंद्र सिंह और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन, सीईओ नोएडा प्राधिकरण ऋतु माहेश्वरी, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण नरेन्द्र भूषण एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण आदि शामिल थे।