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अब अविवाहित बेटी की होगी गणनानोएडा प्राधिकरण के ओएसडी और भूलेख विभाग के प्रभारी अविनाश त्रिपाठी ने बताया कि नोएडा विकास प्राधिकरण अभी तक आबादी के लिए जमीन छोड़ने के समय अविवाहित बेटी का गणना नहीं करती थी। किसान के सभी सदस्य और बेटे को जोड़कर प्रति सदस्य 450 वर्ग मीटर जमीन छोड़ने का ही मानक था, लेकिन अब अविवाहित बेटी के लिए भी जमीन छोड़ी जाएगी।
पुराने मामलों का होगा जल्द निस्तारण
प्राधिकरण के ओएसडी ने आगे बताया कि आबादी विनियमितीकरण के जो पुराने प्रकरण हैं सभी का निस्तारण जल्द कराया जाएगा। इस काम के लिए एक एजेंसी का भी चयन कर लिया गया है। आबादी विनियमितीकरण में बेटी को हक मिलने से परिवार को 450 वर्ग मीटर जमीन ज्यादा छूटेगी। इसके साथ ही बेटी का भी पिता की संपत्ति में एक तरह से हक हो जाएगा।
प्राधिकरण के ओएसडी ने आगे बताया कि आबादी विनियमितीकरण के जो पुराने प्रकरण हैं सभी का निस्तारण जल्द कराया जाएगा। इस काम के लिए एक एजेंसी का भी चयन कर लिया गया है। आबादी विनियमितीकरण में बेटी को हक मिलने से परिवार को 450 वर्ग मीटर जमीन ज्यादा छूटेगी। इसके साथ ही बेटी का भी पिता की संपत्ति में एक तरह से हक हो जाएगा।
क्या होता है आबादी विनियमितिकरण
नोएडा विकास प्राधिकरण किसी गांव की जमीन को अधिग्रहित करती है। मान लें वहां रह रहे किसी एक किसान के पास 10 बीघा जमीन है। किसान दावा करता है कि वह अपनी जमीन के एक हिस्से में रह रहा है। इस पर किसान परिवार को रहने के लिए जो जमीन विकास प्राधिकरण छोड़ती है उसे आबादी विनियमितिकरण कहते हैं। इसमें परिवार के प्रति सदस्य 450 वर्ग मीटर का मानक तय किया गया है।
नोएडा विकास प्राधिकरण किसी गांव की जमीन को अधिग्रहित करती है। मान लें वहां रह रहे किसी एक किसान के पास 10 बीघा जमीन है। किसान दावा करता है कि वह अपनी जमीन के एक हिस्से में रह रहा है। इस पर किसान परिवार को रहने के लिए जो जमीन विकास प्राधिकरण छोड़ती है उसे आबादी विनियमितिकरण कहते हैं। इसमें परिवार के प्रति सदस्य 450 वर्ग मीटर का मानक तय किया गया है।