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नोएडा-ग्रेटर नोएडा की हवाओं को जहरीली बना रहे 8 हॉट स्पॉट, इस साल भी बिगड़ सकते हैं हालात

गौतमबुद्ध नगर में एक नवंबर 2019 को सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण दर्ज किया गया था। एक नंबर 2019 को नोएडा का एक्यूआई 499 था तो वहीं ग्रेटर नोएडा का 496 दर्ज किया गया था।

नोएडाOct 09, 2021 / 05:04 pm

Nitish Pandey

गौतमबुद्ध नगर. देश की राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आठ स्पॉट की पहचान की गई है जो जिले की हवा को जहरीली बना रहे हैं। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन स्थानों पर स्वच्छ हवा के उपायों के बारे में बताया है। इसके अलावा 19 विभागों को इस बावत पत्र भी लिखा गया है। जिसमें भवन निर्माण, वाहनों का धुआं, सड़कों की धूल, औद्योगिक इकाइयों का उत्सर्जन को वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बताया गया है।
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ये जगह बनाए गए हॉट स्पॉट
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नोएडा के सेक्टर-73 से 78, सेक्टर-7X, यमुना पुस्ता क्षेत्र, नोएडा गेट, महामाया फ्लाइओवर, नोएडा-ग्रेटर एक्सप्रेस-वे, दादरी रोड, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे के आसपास बन रही बिल्डिंग स्थल और अंडरपास, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और यूपीएसआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र को हॉट स्पॉट बनाया गया है।
सड़कों की सफाई और पानी छिड़काव कराएं
नोएडा विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण, यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण और यूपी राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को पत्र लिख कर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निर्देश दि है। पत्र में कहा गया है कि वे शहर के कुछ हिस्सों में मशीनों से सफाई की काम को बढ़ाएं और जब भी आवश्यक हो, सड़कों पर पानी का छिड़काव सुनिश्चित करें।
लागू किया जाएगा ग्रैप
गौरतलब है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी की ग्रैप लागू हो जाएगा। ग्रैप लागू हे के बाद डीजल जनरेटर, हॉट मिक्स प्लांट, भवन निर्माण आदि बंद कर दिए जाएंगे। साथ ही वायु प्रदूषण बढ़ने पर सड़कों पर दिन में दो बार पानी का छिड़काव के साथ ही सड़कों की सफाई का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। इस संबंध में नोएडा विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण, यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को निर्देश जारी कर दिया गया है।
2019 में दर्ज किया गया था सबसे अधिक वायु प्रदूषण
बता दे कि गौतमबुद्ध नगर में एक नवंबर 2019 को सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण दर्ज किया गया था। एक नंबर 2019 को नोएडा का एक्यूआई 499 था तो वहीं ग्रेटर नोएडा का 496 दर्ज किया गया था। सामान्यत: अक्टूबर से जनवरी तक नोएडा और ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 400 दर्ज किया जाता है।
इस बार भी बिगड़ सकते हैं हालात

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की माने तो अगर जल्द ही ग्रैप लागू नहीं किया गया तो हालात इस साल भी बिगड़ सकते हैं। इसके साथ ही जैसे ही एक्यूआई में बढ़ोत्तरी हो तुरंत सड़कों की साफ-सफाई और पानी का छिड़काव कराना आवश्यक है।
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