सोमवार को आरडब्ल्यूए की टीम निठारी गांव पहुंची। वहां पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उनसे पेपर पर सिग्नेचर कराए। साथ ही उन्हें भरोसा दिलाया कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाएंगे। इनका यह केस सुप्रीम कोर्ट की वकील अनीता पांडेय लड़ेंगी।
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वकालतनामा पर लिए गए पीड़ितों के साइनआरडब्ल्यूए के अध्यक्ष एनपी सिंह ने बताया कि अभी नोएडा में रहने वाले तीन पीड़ितों के साइन वकालतनामा पर लिए गए हैं। इसके अलावा केस से संबंधित दस्तावेज और साक्ष्य भी लिए गए। पूरी तैयारी के बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील फाइल की जाएगी।
दरअसल निठारी कांड में बरी होने वाला मोनिंदर सिंह पंढेर 17 साल बाद जेल से रिहा हो गया। लुक्सर जेल से छूटने के बाद वह सीधे चंडीगढ़ रवाना हो गया। नोएडा के निठारी गांव में स्थित डी-5 कोठी के पास 19 कंकाल मिलने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में करेंगे अपील फाइल
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की वकील अनीता पांडे ने बताया, “हमने वकालतनामा पर हस्ताक्षर करा लिए हैं। अब हम सुप्रीम कोर्ट में अपील फाइल करेंगे। हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को दोबारा से एग्जामिन करे। दोषी को सजा दी जाए। केस बहुत स्ट्रॉन्ग है। मालूम हुआ है कि इन्वेस्टिगेशन ठीक से नहीं की गई है। फिर भी रि-एग्जामिन कर जो पाइंट हाईकोर्ट में नहीं रखा गया, उसको सुप्रीम कोर्ट में रखा जाएगा।”
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की वकील अनीता पांडे ने बताया, “हमने वकालतनामा पर हस्ताक्षर करा लिए हैं। अब हम सुप्रीम कोर्ट में अपील फाइल करेंगे। हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को दोबारा से एग्जामिन करे। दोषी को सजा दी जाए। केस बहुत स्ट्रॉन्ग है। मालूम हुआ है कि इन्वेस्टिगेशन ठीक से नहीं की गई है। फिर भी रि-एग्जामिन कर जो पाइंट हाईकोर्ट में नहीं रखा गया, उसको सुप्रीम कोर्ट में रखा जाएगा।”
हाईकोर्ट ने दोनों दोषियों की 14 याचिकाओं पर फैसला सुनाया था। सुरेंद्र कोली ने 12 मामलों में मिली फांसी की सजा के खिलाफ अपील दाखिल की थी। जबकि मनिंदर सिंह पंढेर ने 2 मामलों में मिली सजा के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी।