बता दें कि नया नोएडा को बसाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) दिल्ली को दी गई थी। इसके लिए जुलाई 2021 में एमओयू साइन किया गया था। प्राधिकरण को अब एसपीए ने मास्टर प्लान तैयार कर नोएडा सौंप दिया है। इस रिपोर्ट को इसी महीने बोर्ड बैठक कराकर उसमें रखा जाएगा। अधिकारियों ने दावा किया कि नोएडा शहर को बसाने में जो कमियां रह गईं हैं उनको दूर कर नए नोएडा को बेहतर शहर बनाएंगे। अधिकारियों का दावा है कि नए नोएडा में अतिक्रमण दूर-दूर तक नहीं होगा।
स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर जो ने मास्टर प्लान तैयार कर नोएडा सौंप है। उसके मुताबिक नया नोएडा करीब 20 हजार हेक्टेयर में बसाया जाएगा, जिसमें 41 प्रतिशत में औद्योगिक संपत्ति, 11.5 प्रतिशत आवासीय, 17 प्रतिशत हरियाली और रिएक्शनल, 15.5 प्रतिशत में सड़क, 9 प्रतिशत संस्थागत और 4.5 प्रतिशत स्थान व्यावसायिक संपत्ति के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
अप्रैल 2023 तक सरकार से अनुमति लेने का प्रयास पूरा शहर एक साथ बसाने के बजाए इसे अलग-अलग चार जोन में बांटकर बसाया जाएगा। विशेष निवेश क्षेत्र करीब 210 वर्ग किमी में बसाया जाएगा। उदाहरण के तौर पर साउथ जोन, ईस्ट जोन, वेस्ट जोन, नार्थ जोन आदि में बांटा जाएगा। प्रत्येक जोन में अलग-अलग इंडस्ट्री का हब होगा। अप्रैल 2023 तक शासन से मंजूरी लेने के प्रयास किए जाएंगे। इसके बाद वर्ष 2041 तक पूरा नया नोएडा शहर बसा दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें –
48 मर चुके बदमाशों की निगरानी कर रही यूपी पुलिस, SSP ने थाना प्रभारियों से पूछा- क्या दूसरे लोक जाते हो लोग ऑनलाइन ले सकेंगे सभी जानकारियां यह मास्टर प्लान जियोग्राफिकल इंफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) यानी सेटेलाइट आधारित बनाया जा रहा है। इस सिस्टम पर आधारित मास्टर प्लान से घर बैठे ही निवेशक नए नोएडा के सभी जोन व सेक्टर भूखंडों की जानकारी ऑनलाइन हासिल कर सकेंगे।