सेक्टर-06 स्थित एनईए भवन में बुधवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा के बाद विपिन मल्हन ने सदस्यों से कहा कि चीन भारत में हमारे साथ व्यापार कर पैसा कमाता है और हमें ही ऑखें दिखाता है। वह भारत से कमाये गये धन का उपयोग भारत के खिलाफ ही करता है। अब इसे और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम अपनी ही व्यवस्थाओं में जीने की कोशिश करेंगे। हम किसी भी हाल में चाइना के उत्पाद को बढ़ावा नहीं देंगे और न ही चीन के उत्पादों का उपयोग करेंगे।
विपिन मल्हन ने भारत व प्रदेशों की सरकारों से अपील की कि वे अपनी जमीन पर चाइनीज कम्पनियों के निवेश पर तत्काल रोक लगाएं। यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में जिन चाइनीज कम्पनियों को भूमि आवंटित की गई है, उनका आवंटन निरस्त कर बाहर का रास्ता दिखाया जाए। हम भारतीय कम्पनियां हर क्षेत्र में कार्य करने में सक्षम हैं। सरकार को भारतीय उद्यमियों पर भरोसा कर उन्हें प्रोत्साहन देने का कार्य करना चाहिए और मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि चाइना की तरह सस्ती बिजली, सस्ते ब्याज दर पर कर्ज, औद्यौगिक क्षेत्र के लिए सस्ती भूमि और जटिल श्रम कानूनों में भी बदलाव करना चाहिए।
एनईए अध्यक्ष ने कहा कि सरकार द्वारा दिये जा रहे टेंडरों में सड़क, पुल एवं रेल आदि के निर्माण में भी भारतीय कम्पनियों को ही वरीयता देनी चाहिए। मुख्य रूप से चाईनीज कम्पनियों को पूर्णत: प्रतिबन्धित किया जाना चाहिए। उन्होंने चीन की इस हरकत की कड़े शब्दों में निंदा की और इसे कायराना हरकत करार दिया। उन्होंने कहा कि भारत न कभी झुका है और न झुकेगा। उद्यमी इस घटना से बेहद दुखी और गुस्से में हैं। अब चीन को सबक सिखाने का समय आ गया है।