ये भी पढ़ें : Shardiya Navratri 2018: जानिए कब से है शुरू हो रहा है शारदीय नवरात्र और व्रत करने की तारीख नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं- Shailputri Mantra
“विशोका दुष्टदमनी शमनी दुरितापदाम्। उमा गौरी सती चण्डी कालिका सा च पार्वती। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है- Brahmacharini maa Mantra “विद्याः समस्तास्तव देवि भेदाः स्त्रियः समस्ताः सकला जगत्सु।
त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुतिः स्तव्यपरा परोक्तिः।।“ ये भी पढ़ें : दीपावली और छठ पर अगर ट्रेन से जाना चाहते हैं घर, तो यात्रीगण कृपया ध्यान दें और पहले पढ़ें यह खबर
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चन्द्रघण्टा मंत्र की पूजा की जाती है- Maa Chandraghanta Mantra
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चन्द्रघण्टा मंत्र की पूजा की जाती है- Maa Chandraghanta Mantra
“हिनस्ति दैत्य तेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत्। सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योनः सुतानिव।।“ ये भी पढ़ें : इस दिन से शुरू हो रही है नवरात्रि, नौ दिन तक होगी माता की पूजा, बजाएं इन गानों को झूम उठेंगे लोग
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्माण्डा की इस मंत्र के साथ पूजा की जाती है- Kushmanda Maa Mantra “स्तुता सुरैः पूर्वमभीष्टसंश्रयात्तथा सुरेन्द्रेण दिनेषु सेविता। करोतु सा नः शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः।।“
नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कन्दमाता की इस मंत्र के साथ पूजा करें- Maa Skandmata Mantra “सौम्या सौम्यतराशेष सौम्येभ्यस्त्वति सुन्दरी। परापराणां परमा त्वमेव परमेश्वरी।।“ नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायिनी की इस मंत्र के साथ पूजा करें- Maa Katyayani Mantra
“एतत्ते वदनं सौम्यम् लोचनत्रय भूषितम्। पातु नः सर्वभीतिभ्यः कात्यायिनी नमोस्तुते।।“ नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की इस मंत्र के साथ पूजा करें- Maa Kalratri Mantra “त्रैलोक्यमेतदखिलं रिपुनाशनेन त्रातं समरमुर्धनि तेपि हत्वा।
नीता दिवं रिपुगणा भयमप्यपास्त मस्माकमुन्मद सुरारिभवम् नमस्ते।।“ नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी मां की इस मंत्र के साथ पूजा करें- Maa Mahagauri Mantra “सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री मंत्र की इस मंत्र के साथ पूजा करें- Maa Siddhidatri Mantra “या श्रीः स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मीः पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धिः। श्रद्धा सतां कुलजन प्रभवस्य लज्जा तां त्वां नताः स्म परिपालय देवि विश्वम्।।“