नवरात्रि ( Navratrri ) में नौ दिन मां दुर्गा के अलग-असग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के नव दिन देवी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। इस बार Shardiya Navratrri 10 October से शुरू हो रही है। जिसके लिए मंदिरों में तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। रंग-रोगन का कार्य पूरा किया जा चुका है। घरों में भी नौै दिनों तक मां की पूजा करने, चौकी सजाने, कलश स्थापना करने के लिए तैयारी में लगे हुए हैं। लेकिन नौ दिन तक किस दिन कौन सी देवी की करेंगे पूजा ये जान लें।
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मां शैलपुत्री maa shailputri नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है, नव देवी में शैलपुत्री भक्तों को धन-धान्य से परिपूर्ण होने का आशिर्वाद देती है। पर्वतराज हिमालय के यहां जन्म होने से इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है।
मां ब्रह्मचारिणी maa Brahmacharini नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। जीवन के कठिन संघर्षों में भी उसका मन कर्तव्य-पथ से विचलित नहीं होता। नवरात्रि के दूसरे दिन साधक कुंडलिनी शक्ति को जागृत करने के लिए भी साधना करते हैं। जिससे उनका जीवन सफल हो सके और अपने सामने आने वाली किसी भी प्रकार की बाधा का सामना आसानी से पार कर सकें।
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मां चंद्रघंटा maa chandraghanta नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। मां चंद्रघंटा की विधि विधान से पूजा करने पर जीवन में आने वाली सभी पाप और बाधाओं का नाश होता है। साथ ही निडरता, निर्भयता, सौम्यता और विनम्रता आती है।
मां चंद्रघंटा maa chandraghanta नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। मां चंद्रघंटा की विधि विधान से पूजा करने पर जीवन में आने वाली सभी पाप और बाधाओं का नाश होता है। साथ ही निडरता, निर्भयता, सौम्यता और विनम्रता आती है।
मां कूष्माण्डा maa kushmanda नवरात्रि के चौथे दिन कूष्माण्डा की पूजा होती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब सृष्टि का अस्तित्व नहीं था, तब इन्हीं देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी। मां कूष्माण्डा सृष्टि की आदि-स्वरूपा, आदिशक्ति हैं। इनकी उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। मां कूष्माण्डा भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न होती हैं। सच्चे मन जो इनकी पूजा करता है मां उसके सभी दुख हर लेती हैं।
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मां स्कंदमाता maa skandmata नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है। इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। स्कंदमाता की उपासना से भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं। सच्चे मन से मां की पूजा करने से मोक्ष के द्वार खोलती हैं।
मां स्कंदमाता maa skandmata नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है। इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। स्कंदमाता की उपासना से भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं। सच्चे मन से मां की पूजा करने से मोक्ष के द्वार खोलती हैं।
मां कात्यायनी maa katyayani नवरात्रि के छठवें दिन कात्यायनी की पूजा होती है। मां दुश्मनों को पराजय करने की शक्ति प्रदान करती है। मां को खुश करने के लिए विधि विधान से पूजा करें तो भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
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मां कालरात्रि maa kalratri
मां कालरात्रि maa kalratri
नवरात्रि के सातवें दिन कालरात्रि की पूजा होती है, नवरात्रि में सप्तमी का विशेष महत्व है। इस दिन मां काली की पूजा करने से सभी राक्षस,भूत, प्रेत, पिसाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है। मां की पूजा करने से भक्त भय मुक्त हो जाता है।
मां महागौरी maa mahagauri नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा होती है, मां ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप की थी। सभी आभूषण और वस्त्र सफेद होने की वजह से इन्हें श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है। इनकी आयु आठ वर्ष की मानी गई है। मां की पूजा करने से सभी प्रकार के पाप और दुख दूर होते हैं। इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
मां सिद्धिदात्री maa siddhidatri नवरात्रि के नौवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा होती है, जैसा की नाम से ही जाहिर है सिद्धी प्रदान करने वाली माता। मां सिद्धिदात्री की समय भगवान शिव ने भी आराधाना की थी। जिनकी कृपा से उन्होंने सिद्धी प्राप्त की। इनकी कृपा से ही महादेव का आधा शरीर देवी का हुआ था और वह अर्द्धनारीश्वर नाम से प्रसिद्ध हुए। विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ साधना करने वालों को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है।