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शारदीय नवरात्रि इस विधि से करें कलश स्थापना, इस बार देवी मां की रहेंगी विशेष कृपा

शारदीय नवरात्री पर कलश स्थापाना के लिए जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, जाने कितने घंटे का है घट स्थापना मुहूर्त।

नोएडाSep 25, 2018 / 04:58 pm

Ashutosh Pathak

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नोएडा। शारदीय नवरात्रि 2018 की 10अक्टूबर से शुरुआत हो रही है। हिन्दू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को Shardiya Navratri शुरू होती है। इस बार पहला व्रत लोग 10 अक्टूबर को करेंगे। शारदीय नवरात्रि को लेकर लेकर जहां देवी मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गईं हैं वहीं लोग अब कलश स्थापना की तैयारी में जुट गएं हैं। इसके लिए लोग कलश स्थापना मुहूर्त, कलश स्थापना मंत्र, कलश स्थापना विधि, नवरात्रि कलश स्थापना, शारदीय नवरात्र कलश स्थापना आदि के बारे में जानकारी जुटाने में लगे हैं। तो आइए जानते हैं कैसे करें कलश स्थापना और शुभ मुहूर्त।
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Shardiya Navratri कलश स्थापना शुभ मुहूर्त और समय

शारदीय नवरात्रि 2018 कलश स्थापना शुभ मुहूर्त का समय – 06:22 से 07:25
मुहूर्त की अवधि- 01 घंटा 02 मिनट
कलश स्थापना हमेशा प्रतिप्रदा तिथि को किया जाता है।

प्रतिपदा तिथि का आरंभ -9 अक्टूबर 2018, मंगलवार 09:16 बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – 10 अक्टूबर 2018, बुधवार 07:25 बजे

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Shardiya Navratri कलश स्थापना की विधि

हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक किसी भी पूजा या शुभ कार्य से पहले गणेशजी की आराधना की जाती है। इसलिए नवरात्रि व्रत की शुरुआत करने से पहले कलश स्थापित की जाती है। कलश को भगवान गणेश का ही रुप माना जाता है। कलश स्थापना करने के लिए सबसे पहले कलश में हल्दी की गांठ, सुपारी, दूर्वा, मुद्रा रखी जाती है और पांच प्रकार के पत्तों से कलश को सजाया जाता है। कलश के नीचे मिट्टी या बालू की वेदी बनाकर कर जौ बौये जाते है। जौ बो कर अन्नपूर्णा देवी की आराधना की जाती है, जो कि धन-धान्य देने वाली हैं। इसके बाद माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर उन्हें रोली, चावल, सिंदूर, माला, फूल, चुनरी, साड़ी, आभूषण और सुहाग के सामान से श्रृंगार करना चाहिए। इसके बाद सभी देवी देवताओं की आराधना की जाती है। इस प्रकार कलश स्थापने के बाद नौ दिन के व्रत की शुरुआत हो जाती है। इसी तरह नौ दिन तक सुबह-शाम गणेश जी और देवी मां की आरती की जाती है।

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