श्रावण माह की पंचमी को देश के कई भागों में nag panchami 2018 मनाई जाएगी। इस बार ये तीथी 15 अगस्त को है। इस अवसर पर नागों को दूध पिलाने की परंपरा कई सालों से चली आ रही है। प्राचीन भविष्य पुराण के पंचमी कल्प में नागपूजा और नागों को दूध पिलाने का जिक्र किया गया है। मान्यता है कि सावन के महीने में नाग देवता की पूजा करने और नाग पंचमी के दिन दूध पिलाने से नाग देवता प्रसन्न होते हैं और नागदंश का भय नहीं रहता है। विज्ञान की मानें तो सांप रेप्टाइल जीव हैं न कि स्तनधारी। रेप्टाइल जीव दूध को हजम नहीं कर सकते और ऐसे में कई बार उनकी मृत्यु तक हो जाती है। दूध पिलाने से सांप की आंत में इन्फेक्शन भी हो सकता है।
जीव विज्ञान के अनुसार सांप पूरी तरह से मांसाहारी जीव है, ये मेंढक, चूहा, पक्षियों के अंडे व अन्य छोटे-छोटे जीवों को खाकर अपना पेट भरते हैं। दूध इनका प्राकृति आहार नहीं है। सपेरों को जब भी सांप को दूध पिलाना होता है तो वो उन्हे भूखा प्यासा रखते है। भूखे प्यासे सांप के सामने जब दूध लाया जाता है तो वो इसे पी लेता है लेकिन यह कभी कभी सांप कि मौत का कारण भी बन जाता है क्योकि कई बार दूध सांप के फेफड़ों में घुस जाता है जिससे उसे निमोनिया हो जाता है।