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ऐसे की जाती है नाग देवता की पूजा
इस दिन नाग देवता की फल, फूल, प्रसाद और मंत्रों के साथ पूजा की जाती है और दुग्ध स्नान भी कराया जाता है। नागपंचमी के अवसर पर रुद्राभिषेक का भी खास महत्व है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है और नाग देवता पृथ्वी को संतुलित करते हुए मानव जीवन की रक्षा करते हैं। हिंदू धर्म में इस दिन को गरुड़ पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। नाग देवता के साथ पंचमी के दिन गरुड़ की पूजा भी की जाती है और सर्पों से रक्षा की प्रार्थना की जाती है।
ऐसे की जाती है नाग देवता की पूजा
इस दिन नाग देवता की फल, फूल, प्रसाद और मंत्रों के साथ पूजा की जाती है और दुग्ध स्नान भी कराया जाता है। नागपंचमी के अवसर पर रुद्राभिषेक का भी खास महत्व है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है और नाग देवता पृथ्वी को संतुलित करते हुए मानव जीवन की रक्षा करते हैं। हिंदू धर्म में इस दिन को गरुड़ पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। नाग देवता के साथ पंचमी के दिन गरुड़ की पूजा भी की जाती है और सर्पों से रक्षा की प्रार्थना की जाती है।
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नोएडा के सेक्टर-2 स्थित लाल मंदिर के पुजारी पं. विनोद कुमार शास्त्री के मुताबिक नागपंचमी के दिन पूजा शुभ मुहूर्त निम्न प्रकार है।
नोएडा के सेक्टर-2 स्थित लाल मंदिर के पुजारी पं. विनोद कुमार शास्त्री के मुताबिक नागपंचमी के दिन पूजा शुभ मुहूर्त निम्न प्रकार है।
पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त – 15 अगस्त को सुबह 05:55 से 8:31 तक पंचमी तिथि प्रारंभ – 15 अगस्त को सुबह 03:27 बजे शुरू पंचमी तिथि समाप्ति – 16 अगस्त को सुबह 01:51 बजे खत्म