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उन्होंने कहा कि इससे पहले 1986 भी सुप्रीम कोर्ट ने एक बार और ऐसा फैसला दिया था, जिसमें मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की बात हुई थी और उसमें मेंटीनेंस का प्रावधान दिया गया था। लेकिन उस समय केंद्र में कांग्रेस सरकार की सरकार थी और उन्होंने ‘प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन डायवोर्स एक्ट-1986’ लाकर मुस्लिम महिलाओं को उल्टा गड्ढे में धकेल दिया था। वह बिल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का ड्राफ्ट किया गया था। उसमें सरकार का कोई दखल नहीं था। लेकिन भाजपा की सरकार में इस तरह का काम नहीं हुआ, ये जो बिल ड्राफ्ट किया गया है इसे बाकायदा एक कमेटी ने ड्राफ्ट किया है। इस बिल में जो सजा का प्रावधान रखा गया है, इससे आरोपी व्यक्ति की पकड़ आसान हुई है। इस सजा के डर से तीन तलाक की यह बीमारी किसी हद तक कंट्रोल हो सकेगी।
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उन्होंने कहा कि इससे पहले 1986 भी सुप्रीम कोर्ट ने एक बार और ऐसा फैसला दिया था, जिसमें मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की बात हुई थी और उसमें मेंटीनेंस का प्रावधान दिया गया था। लेकिन उस समय केंद्र में कांग्रेस सरकार की सरकार थी और उन्होंने ‘प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन डायवोर्स एक्ट-1986’ लाकर मुस्लिम महिलाओं को उल्टा गड्ढे में धकेल दिया था। वह बिल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का ड्राफ्ट किया गया था। उसमें सरकार का कोई दखल नहीं था। लेकिन भाजपा की सरकार में इस तरह का काम नहीं हुआ, ये जो बिल ड्राफ्ट किया गया है इसे बाकायदा एक कमेटी ने ड्राफ्ट किया है। इस बिल में जो सजा का प्रावधान रखा गया है, इससे आरोपी व्यक्ति की पकड़ आसान हुई है। इस सजा के डर से तीन तलाक की यह बीमारी किसी हद तक कंट्रोल हो सकेगी।
यह भी पढ़ें–तीन तलाक कानून पर सपा नेता आजम खान का बड़ा बयान, वोट-बैंक की राजनीति करने के लिए यह सब कर रहें हैं मोदी-योगी इस बिल की आश्वकता क्यों पड़ी? इस सवाल पर फराह फैज ने कहा कि हमारे समाज में गंदगी इस कदर फैल चुकी थी कि जो कठमुल्ले लोग हैं, जो फर्जी मौलाना हैं वे अपनी बनाई हुई शरीयत को थोपने और जो खुदा की बनाई हुई शरीयत है उसको दबाने में काफी हद तक कामयाब हो चुके थे। इसके अलावा इन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के नाम से जो बोर्ड बना रखा है उसको लेकर पूरे देश में ये हौव्वा फैला दिया था कि जो कायदे, जो नियम और जो कानून ये मुस्लिम पर्सनल बोर्ड बना देगा वही शरीयत है। वही बात लोगों को माननी पड़ेगी।
यह भी देखें-तीन तलाक बिल: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की सहसंयोजिका शाहीन परवेज ने कही ये बात ये लोग फतवे जारी कर उनको लागू कराकर लोगों को गुमराह करने में कामयाब थे। इस बिल के आने के बाद मुल्लाओं की वो खोखली शरीयत खत्म हुई और अल्लाह की शरीयत की फतह हुई है। इसके अलावा फराह फैज ने अन्य कई बातें कहीं। आपको बता दे कि फराह फैज तीन तलाक के मुद्दे को लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ रही हैं। तीन तलाक के मुद्दे पर एक टीवी डिबेट में मौलाना और उनके बीच हुई मारपीट के बाद वह चर्चा में आईं थीं।