यह भी पढ़ें
फर्जी लोन और नौकरी दिलाने के नाम पर देशभर के लोगों को बनाते थे अपना निशाना, आपके साथ भी तो नहीं हुई ऐसी ठगी? इस दौरान एक पुरानी विधा ‘किस्सागोई’ के अंदाज में मुंशी प्रेमचंद की 5 कहानियों का कलाकारों ने वाचन और मंचन किया। कार्यक्रम मे रिटायर्ड आईएएस आफिसर शांतनु मुखर्जी ने मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘यही है मेरा वतन’ की प्रस्तुति दी। प्रेमचंद की सबसे लोकप्रिय कहानी दो बैलों की कथा और उषा छाबरा ने कहानी ठाकुर का कुंआ बेहद रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। उनके नाटकीय अंदाज की प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह भी पढ़ें
सेल्समैन के बैग में नमकीन और कुरकुरे के बीच निकली ऐसी चीज, पुलिस भी रह गई हैरान इस अवसर पर मुंशी प्रेमचंद के पोते अनिल राय ने कहा कि दद्दा की कहानियां बहुत ही सरल और आम आदमी की भाषा में बहुत ही सुलगते मुद्दों पर है।किसान, औरत, मजदूर के मुद्दे पर। उन्होंने आज से सौ साल पहले जो कहानी लिखी थीं वो आज भी प्रासंगिक इसलिए हैं क्योंकि लोग उनकी कहानियों से जुड़ाव महसूस करते हैं। प्रोजेक्ट चेयरमैन राज्यसभा के पूर्व महासचिव योगेंद्र नारायण और नोएडा लोकमंच के महासचिव महेश सक्सेना ने कहा कि नोएडा में सांस्कृतिक जागृति आ रही है और नोएडा में जितनी प्रकार की कला व कलाकार हैं वह इससे जुड़ना शुरू हो गए हैं।