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9 जुलाई की सुबह बागपत जेल में चली गोलियों की तड़तड़ाहट आसपास के खेतों में काम कर रहे किसानों ने भी सुनी थी। कई राउॅड फायर किये गये थे। लेकिन ये फायर एक पिस्टल से हुए या दो पिस्टल से ये अभी कोई नहीं जानता। माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या में एक पिस्टल का प्रयोग हुआ या दो का, यह रहस्य अभी भी बरकरार है। पुलिस को गटर से जो पिस्टल मिली है, वह .32 एमएम की है। इस पिस्टल की मैगजीन में कम से कम आठ गोलियां आती हैं।
9 जुलाई की सुबह बागपत जेल में चली गोलियों की तड़तड़ाहट आसपास के खेतों में काम कर रहे किसानों ने भी सुनी थी। कई राउॅड फायर किये गये थे। लेकिन ये फायर एक पिस्टल से हुए या दो पिस्टल से ये अभी कोई नहीं जानता। माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या में एक पिस्टल का प्रयोग हुआ या दो का, यह रहस्य अभी भी बरकरार है। पुलिस को गटर से जो पिस्टल मिली है, वह .32 एमएम की है। इस पिस्टल की मैगजीन में कम से कम आठ गोलियां आती हैं।
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अब सवाल यह उठता है कि अगर आठ गोली वाली मैगजीन का प्रयोग इस हत्या में किया गया है, तो दूसरी पिस्टल का भी प्रयोग किया गया होगा। क्योंकि मुन्ना बजरंगी के शव के पास से कारतूसों के दस खोखे बरामद हुए थे। जबकि दूसरी मैगजीन न तो मौके से बरामद की गयी है और न ही कोई दूसरा हथियार वहां पाया गया।
अब सवाल यह उठता है कि अगर आठ गोली वाली मैगजीन का प्रयोग इस हत्या में किया गया है, तो दूसरी पिस्टल का भी प्रयोग किया गया होगा। क्योंकि मुन्ना बजरंगी के शव के पास से कारतूसों के दस खोखे बरामद हुए थे। जबकि दूसरी मैगजीन न तो मौके से बरामद की गयी है और न ही कोई दूसरा हथियार वहां पाया गया।
यह भी देखें-योगी सरकार में खुल गई अधिकारियों की पोल, मचा हड़कंप अब पुलिस को यह आशंका सताये जा रही है कि अगर दूसरी पिस्टल से गोलियां चलाई गयी हैं तो वह दूसरी पिस्टल कहां है। हालांकि प्राप्त प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुन्ना के हत्यारोपी सुनील राठी का कहना है कि मुन्ना बजरंगी के पास पिस्टल थी। ऐसे में यह जांच का अहम बिंदु है कि पिस्टल सिर्फ मुन्ना बजरंगी या सुनील राठी के पास थी, या फिर दोनों के पास। इस बिंदु पर भी एसटीएफ जांच कर रही है।