दरअसल, 31 मार्च 2022 तक पीएमजेजेबीवाई में जहां 6.4 करोड़ ग्राहकों ने तो पीएमएसबीवाई में 22 करोड़ धारकों ने नामांकन कराया था। दोनों ही योजनाओं के तहत बीमा धारकों की तरफ से बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिए दावा जमा किया गया। बता दें कि दोनों ही योजनाओं में अब तक कोई संशोधन नहीं किया गया था, लेकिन यह पहली बार है कि सात साल बाद सरकार की तरफ से प्रीमियम दरों में बदलाव किया गया है। इसका असर देशभर के करोड़ों बीमा धारकाें के साथ उत्तर प्रदेश के बीमा धारकों पर भी पड़ेगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि संशोधित दरों से अन्य निजी बीमा कंपनियों की योजनाओं पर भी असर पड़ेगा। आने वाले समय में बीमा योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
यह भी पढ़ें- सबसे जबरदस्त है LIC की ये पॉलिसी, सिर्फ 4 साल आपको बना देगी करोड़पति, जानें डिटेल प्रीमियम से कहीं अधिक किया गया दावों का भुगतान बता दें कि 31 मार्च 2022 तक पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई के तहत सक्रिय बीमा धारकों की संख्या 28.4 करोड़ थी। पीएमएसबीवाई के तहत शुरुआत से 31 मार्च 2022 तक 1,134 करोड़ रुपये की धनराशि प्रीमियम के तौर पर जमा हुई थी। जबकि भुगतान 2,513 करोड़ रुपये के दावों का हुआ था। वहीं पीएमजेजेबीवाई के तहत 9,737 करोड़ रुपये प्रीमियम के रूप में जमा हुए थे और 14,144 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान हुआ था।
यह भी पढ़ें- पोस्ट ऑफिस की ये स्कीम बना देगी करोड़पति, महज 417 रुपये का करना होगा निवेश ये है केंद्र सरकार उद्देश्य केंद्र सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि देश को पूरी तरह से बीमाकृत बनाने के उद्देश्य से अगले पांच वर्ष में पीएमजेजेबीवाई के तहत कवरेज को 6.4 करोड़ से बढ़ाते हुए 15 करोड़ और पीएमएसबीवाई के तहत निवेश 22 करोड़ से बढ़ाकर 37 करोड़ करने का लक्ष्य है।