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सहालग डूबने के चलते पांच महीने तक शादी ब्याह न होने के कारणों के पीछे नोएडा निवासी पं. विनोद कुमार शास्त्री ने बताया कि 21 जुलाई तक शादी ब्याह के शुभ मुहूर्त हैं। 23 जुलाई 2018 आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन देवशयनी एकादशी होने के कारण चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा जो 19 नवंबर 2018 तक चलेगा। अतः इन पांच माह में विवाह नहीं होंगे। इसके बाद 16 दिसंबर 2018 से 14 जनवरी 2019 तक धनुर्मास या अधिकमास रहने के कारण विवाह नहीं होंगे। इस बीच 13-14 नवंबर 2018 से 8 दिसंबर 2018 तक गुरु अस्त रहने के कारण विवाह नहीं हो पाएंगे।
सहालग डूबने के चलते पांच महीने तक शादी ब्याह न होने के कारणों के पीछे नोएडा निवासी पं. विनोद कुमार शास्त्री ने बताया कि 21 जुलाई तक शादी ब्याह के शुभ मुहूर्त हैं। 23 जुलाई 2018 आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन देवशयनी एकादशी होने के कारण चातुर्मास प्रारंभ हो जाएगा जो 19 नवंबर 2018 तक चलेगा। अतः इन पांच माह में विवाह नहीं होंगे। इसके बाद 16 दिसंबर 2018 से 14 जनवरी 2019 तक धनुर्मास या अधिकमास रहने के कारण विवाह नहीं होंगे। इस बीच 13-14 नवंबर 2018 से 8 दिसंबर 2018 तक गुरु अस्त रहने के कारण विवाह नहीं हो पाएंगे।
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गुप्त नवरात्रि में बन रहा है ये विशेष योग, इस तरह करेंगे पूजा तो मिलेगा फल23 जुलाई को देवशयनी एकादशी के बाद अगले पांच महीने तक कोई शुभ कार्य नहीं होगा। हालांकि हिन्दू धर्म में कार्तिक महीने की एकदशी यानि देवोत्थान एकादशी से शादी ब्याह शुरू हो जाते हैं। इसके बाद आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि तक शादियां होती हैं। अब जो भी शुभ मुहूर्त निकलेंगे वे 21 जनवरी के बाद ही निकलेंगे। इसलिए जिनकी तिथियां निकल गयीं हैं सिर्फ उनकी ही शादियां हो पाएंगी। इस बीच दिसम्बर में पूस माह के कारण भी शादियां नहीं हो पाएंगी।
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साल के सबसे आखिरी सहालग को भदडीया नवमी भी कहते हैं और इस बार ये 21 जुलाई को है। इसके बाद अब पांच महीने तक शादियां नहीं होंगी। सिर्फ दिसम्बर महीने में 12 व 13 दिसम्बर को ही शादी का शुभ मुहुर्त है। उसके बाद फिर 21 जनवरी से ही शादियों के मुहुर्त बताए गए हैं।
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जुलाई को देव शयन एकदशी के बाद देवोत्थान एकादशी 19 नवम्बर की है। चूंकि इस तारीख में भी गुरु और शुक्र डूबे होंगे तो लिहाजा इस दिन भी शादी नहीं होगी। लेकिन कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि देवोत्थान एकादशी और फुलेरा दूज व भदडीया एकादशी दोषमुक्त होती है। इन तिथियों में लोग शादी या शुभ कार्य कर लेते हैं।
जुलाई को देव शयन एकदशी के बाद देवोत्थान एकादशी 19 नवम्बर की है। चूंकि इस तारीख में भी गुरु और शुक्र डूबे होंगे तो लिहाजा इस दिन भी शादी नहीं होगी। लेकिन कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि देवोत्थान एकादशी और फुलेरा दूज व भदडीया एकादशी दोषमुक्त होती है। इन तिथियों में लोग शादी या शुभ कार्य कर लेते हैं।