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यूपी में इस बार भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी अपना दल ने 64 सीटें हासिल की है। नरेंद्र मोदी 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा वेस्ट यूपी के गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से चुनाव जीते डॉ. महेश शर्मा, गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह और बागपत से चुनाव जीते सत्यपाल सिंह पर बड़ा दांव खेल सकती है। उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। खेलो पत्रिका Flash Bag NaMo9 Contest और जीतें आकर्षक इनाम, कॉन्टेस्ट मे शामिल होने के लिए http://flashbag.patrika.com पर विजिट करें। डॉ. महेश शर्मा केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा का भी मंत्रिमंडल में शामिल होने तय माना जा रहा है। महेश शर्मा 2014 में पहली बार गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। मोदी के करीबी माने जाने वाले डॉ. महेश शर्मा को केंद्र में संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मन्त्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। ये पेशे से डॉक्टर है। 2019 में भी डॉ. महेश शर्मा ने गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है। इन्होंने गठबंधन प्रत्याशी को 3 लाख 35 हजार वोटों से हराया है।
डॉ. महेश शर्मा का जन्म राजस्थान के अलवर जिले के मनेठी गांव में 30 सितंबर 1959 को हुआ था। बचपन से ही ये आरएसएस से जुड़ गए। इसके अलावा कॉलेज लाइफ के दौरान एबीवीपी से जुड़ गए। साल 2009 में वे पहली बार गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन 15 हजार वोटों से हार गए। उसके बाद ये नोएडा 2012 में नोएडा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया और जीत दर्ज की। ये भाजपा से ही विधानसभा चुनाव लड़े थे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि महेश शर्मा को टूरिज्म एंड इंडस्ट्रीज की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
डॉ. महेश शर्मा का जन्म राजस्थान के अलवर जिले के मनेठी गांव में 30 सितंबर 1959 को हुआ था। बचपन से ही ये आरएसएस से जुड़ गए। इसके अलावा कॉलेज लाइफ के दौरान एबीवीपी से जुड़ गए। साल 2009 में वे पहली बार गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन 15 हजार वोटों से हार गए। उसके बाद ये नोएडा 2012 में नोएडा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया और जीत दर्ज की। ये भाजपा से ही विधानसभा चुनाव लड़े थे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि महेश शर्मा को टूरिज्म एंड इंडस्ट्रीज की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
सत्यपाल सिंह सत्यपाल सिंह पहली बार 2014 में सोलहवीं लोकसभा में बागपत लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। सत्यपाल सिंह लोकसभा चुनाव 2014 से पहले मुंबई के पुलिस कमिश्नर थे। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले अपने पद से इस्तीफा दे कर बीजेपी जॉइन कर ली। इन्होंने लोकसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह को हराया। इनका जन्म 29 November 1955 को यूपी के बैसोली में हुआ। जाट चेहरा होने की वजह से 2014 में लोकसभा जीतने के बाद मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बने।
2019 में बागपत लोकसभा सीट से सत्यपाल सिंह दौबारा सांसद चुने गए है। इन्होंने आरएलडी प्रत्याशी जयंत चौधरी को हराया है। 1980 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे सत्यपाल सिंह ने 2014 में नौकरी छोड़ दी थी। इन्हें 2014 में सांसद बनने के बाद पार्टी की तरफ से केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि दौबारा से उन्हें एचआरडी मिनिस्ट्ररी दी जा सकती है।
जनरल वीके सिंह लोकसभा चुनाव 2019 में गाजियाबाद सीट से भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने गठबंधन उम्मीदवार सपा के सुरेश बंसल को 501500 मतों से हराया है। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में विजयी रहे। इस लोकसभा सीट से 2009 में राजनाथ सिंह लड़े और बड़े अंतर से जीते। 2014 में राजनाथ सिंह लखनऊ चले गए। उसके बाद यह सीट वीके सिंह को मिली।
कमांडो की ट्रेनिंग लेकर पहले आर्मी चीफ बनने वाले जनरल वीके सिंह आजाद हिंदुस्तान के 26वें थल सेनाध्यक्ष बने। इनकी पहचान ईमानदार अफसर के रुप में रही। हरियाणा के भिवानी जिले में जन्में वीके सिंह के पिता भी आर्मी में कर्नल थे। वहीं, इनके दादा जुनियर कमिशन्ड ऑफिसर रहे। 19 साल की उम्र में इन्होंने राजपूत रेजिमेंट में शामिल होकर सेना में भर्ती हुए। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जनरल वीके सिंह को केंद्रीय मंत्री मंडल में शामिल कर रक्षामंत्री की भी जिम्मेदारी भाजपा सौंप सकती है।