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दरअसल कैराना सीट से रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन के देवर कंवर हसन ने लोक दल से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन किया था। उनके पक्ष में लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने क्षेत्र का दौरा भी किया था। उसके कुछ दिन बाद रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कंवर हसन को रालोद प्रत्याशी को समर्थन देने के लिए राजी कर लिया। जिसकी शिकायत लोक दल अध्यक्ष सुनील सिंह ने चुनाव आयोग से की है।
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उन्होंने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि उनके उम्मीदवार कंवर हसन को कालेधन का इस्तेमाल कर राष्ट्रीय लोक दल के बड़े लोगों ने अपने घर बुलाकर उनसे रालोद-सपा गठबंधन प्रत्याशी को समर्थन दिलाया और साथ ही उन्हें चुनाव से हट जाने के लिए मजबूर किया है। ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए कि आखिर किन परिस्थितियों में कैराना में उनके उम्मीदवार को मतदान के पहले दूसरे उम्मीदवार को समर्थन करना पड़ा और खुद को चुनाव से अलग करना पड़ा।
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लोकदल ने आरोप लगाया है कि चौधरी अजीत सिंह की पार्टी ने उनके उम्मीदवार को चुनाव से हटाने के लिए कालेधन का इस्तेमाल करते हुए आठ करोड़ रुपये में खरीद लिया है। ऐसे में रालोद के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कैराना लोकसभा सीट पर मंगलवार 28 मई को मतदान होना है। शनिवार को चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी मृगांका सिंह और रालोद-सपा गठबंधन प्रत्याशी तबस्सुम हसन के बीच माना जा रहा है।