ये भी पढ़ें : Krishna Janmashtami 2018: कृष्ण जन्माष्टमी पर हर साल बजाए जाते हैं ये भजन दरअसल इस बार 2 सितंबर रात 8 बजकर 48 मिनट पर अष्टमी तिथि लग रही है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जब भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में आधी रात यानी बारह बजे रोहिणी नक्षत्र हो इसी के साथ सूर्य, सिंह राशि में और चंद्रमा वृष राशि में हों, तब श्रीकृष्ण जयंती योग बनता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले बहुत ही भाग्यशाली माने जाते हैं। साथ ही इस दिन सिंह राशि और वृष राशि में जन्म लेने वाले भी भाग्यशाली होते हैं।
ये भी पढ़ें : इन गानों के बिना अधूरी है जन्माष्टमी, बॉलीवुड ने भी अपने गानों से कृष्ण के नटखट अंदाज को घर-घर पहुंचाया रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 2 सितंबर की रात 8 बजकर 48 मिनट
रोहिणी नक्षत्र समाप्त: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 5 मिनट
रोहिणी नक्षत्र समाप्त: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 5 मिनट
दो दिन जन्माष्टमी पड़ने से लोग असमंजस में है। लेकिन आप परेशान न हों वैसे तो आस्था और विश्वास से आप किसी भी दिन मनाएं भगवान प्रसन्न होंगे। लेकिन पहले दिन 2 सितंबर को जन्माष्टमी मंदिरों और बाह्मणों के यहां मनाई जाएगी और दूसरे दिन 3 सितंबर के दिन जन्माष्टमी वैष्णव सम्प्रदाय के लोग मनाएंगे।
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