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Karva Chauth 2018: इस तारीख को पड़ेगा करवा चौथ, सुहाग की लंबी उम्र के लिए ऐसे करें पूजा

इस साल Karwa Chauth का Vrat 27 अक्‍टूबर 2018 शनिवार के दिन रखा जाएगा, चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति के हाथों से पानी पीने के बाद पूरा होता है व्रत

नोएडाOct 20, 2018 / 11:18 am

sharad asthana

Karwa Chauth

Karva Chauth 2018: इस तारीख को पड़ेगा करवा चौथ, सुहाग की लंबी उम्र के लिए ऐसे करें पूजा

नोएडा। अक्‍टूबर का आधे सज्‍यादा महीना बीत चुका है। त्‍योहारों का मौसम भी अपने सबाब पर है। महिलाओं ने भी करवा चौथ (Karva Chauth) की तैयारी शुय कर दी है। कार्तिक मास की कृष्‍ण पक्ष की चतुर्थी को ही करवा चौथ (Karwa Chauth) का व्रत रखा जाता है। यह भारतीय महिलाओं के लिए काफी खास होता है। सेक्‍टर-44 निवासी पंडित रामप्रवेश तिवारी का कहना है क‍ि इस साल Karwa Chauth का Vrat 27 अक्‍टूबर 2018 शनिवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन उत्‍तर भारत की महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देकर पति के हाथों से पानी पीती हैं और अपना व्रत खोलती हैं।
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यह है Puja का Shubh Muhurt

पंडित रामप्रवेश तिवारी का कहना है क‍ि 27 अक्‍ूटबर 2018 को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। उन्‍होंने कहा कि इस बार पूजा का शुभ मुहूर्त करीब 1 घंटे 20 मिनट का है। 27 अक्‍टूबर 2018 दिन शनिवार को करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5.36 से शााम 6.54 तक का है। इस मुहूर्त में पूजा करने से खास फल मिलेगा। उन्‍होंने बताया कि 27 अक्‍टूबर यानी शनिवार को चंद्र उदय रात 8 बजे के लगभग होगा। चतुर्थी तिथि उस दिन शाम को 6.37 बजे से शुरू हो जाएगा, जो 28 अक्‍टूबर 2018 यानी रविवार को शाम 4.54 तक रहेगी। उनका कहना है क‍ि उस दिन संकष्टी चतुर्थी भी है। दोनों का व्रत एक ही दिन होता है। उन्‍होंने कहा कि संकष्‍टी चतुर्थी वाले दिन भगवान गणेश की आराधना की जाती है।
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ऐसे करें Puja

करवा चौथ वाले दिन सुबह उठकर स्‍नान करके Karva Chauth का व्रत शुरू करें। इस दिन महिलाओं को पूरे दिन निर्जला व्रत रखना होता है। पूजा के लिए एक साफ दीवार पर गेरू से फलक बनाकर पिसे हुए चावलों का घोल बनाएं और उससे करवा बनाएं। इसके साथ ही आठ पूरियों की अठावरी और हलुआ बनाएं। मंदिर में पीली मिट्टी को मां गौरी का आकार दें और उनकी गोद में भगवान गणेश को बिठाएं। गौरी जी को बैठाने के लिए लकड़ी का आसन इस्‍तेमाल करें। उनको चुनरी ओढ़ाएं। इसके साथ ही उनका ठीक से श्रंगार करें। मिट्टी के करवा में गेहूं और ढक्‍कन में शक्‍कर का बूरा रखें। करवा पर रोली से स्‍वास्तिक बनाना चाहिए। इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश के साथ करवा की पूजा करनी चाहिए। इस बीच करवा पर 13 बिंदी रखें। साथ ही हाथ में गेहूं या चावल के 13 दाने रखकर करवा चौथ की कथा कहनी या सुननी चाहिए। कथा सुनने के बाद अपनी मां समान सांस के पैर छूकर उन्‍हें करवा सौंप दें। चंद्रमा निकलने के बाद पूरे चांद को छलनी में घी का दिया रखकर देखिए और अर्घ्य देकर पति के हाथों से पानी पीजिए।

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