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Kargil Vijay Diwas: भारत ने तो पाकिस्‍तान से जंग जीत ली पर गुड़‍िया लड़ाई हार गई, कहानी सुनकर आ जाएंगे आंसू

Kargil Vijay Divas Special : भारत और पाकिस्‍तान के बीच एक जंग कारगिल में 1999 में हुई थी, वहीं एक लड़ाई इस जंग के जांबाज की पत्‍नी ने लड़ी थी।
 

नोएडाJul 25, 2018 / 04:49 pm

sharad asthana

kargil vijay diwas: भारत ने तो पाकिस्‍तान से जंग ली पर गुड़‍िया लड़ाई हार गई, कहानी सुनकर आ जाएंगे आंसू

नोएडा। भारत और पाकिस्‍तान के बीच एक जंग कारगिल में 1999 में हुई थी, वहीं एक लड़ाई इस जंग के जांबाज की पत्‍नी ने लड़ी थी। भारत भले ही 26 जुलाई 1999 को यह जंग जीत गया था लेकिन वह जिंदगी की लड़ाई हार गई थी। आज भी जब-जब 26 जुलाई 1999 को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है, तब-तब उस अभागिन की कहानी भी सबके जेहन में ताजा हो जाती है।
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कहानी गुड़ि‍या की

हम बात कर रहे हैं मेरठ के आरिफ की गुड़ि‍या की। जिसकी जिंदगी किसी ट्रेजडी भरी फिल्‍मी कहानी से कम नहीं है। हालांकि, गुड़ि‍या की जिंदगी पर एक फिल्‍म भी बनी थी, जिसका नाम था ‘कहानी गुड़ि‍या की’। उसमें दिव्‍या दत्‍ता ने गुड़ि‍या ने किरदार निभाया था। प्रभाकर शुक्‍ला ने 2007 में रिलीज हुई उस फिल्‍म को निर्देशित किया था जबक‍ि राजपाल यादव और आरिफ जकारिया ने भी फिल्‍म में किरदार निभाया था। इसे ओशियन ओशियन फिल्म समारोह में दिखया गया था, जिसे लोगों ने पसंद किया था।
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यह है असली कहानी

गुड़‍िया की कहानी गौतमबुद्ध नगर से श्‍ुारू होती है। वह कलौंदा गांव के पूर्व ग्राम प्रधान की बेटी थी। उसके पिता का पूरे क्षेत्र में दबदबा था। परिवार संपन्‍न था और काफी खेती-बाड़ी थी। जिस साल कारगिल का युद्ध शुरू हुआ था, उसी साल 1999 में गुड़‍िया का निकाह सरहद पर तैनात मेरठ के मुंडाली निवासी फौजी आरिफ से हुआ था।
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दस दिन बाद जाना पड़ा ड्यूटी पर

अभी गुड़‍िया की मेहंदी का रंग भी नहीं उतरा था क‍ि भारत और पाकिस्‍तान के बीच जंग छिड़ गई। निकाह के दस दिन बाद ही आरिफ को पाकिस्‍तानियों से लोहा लेने के लिए जाना पड़ा। भारत ने जंग तो जीत ली पर आरिफ वापस नहीं लौटा। उसका पता न चलने पर उसे गलती से भगोड़ा घोषित कर दिया गया।
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वापस लौटा आरिफ

इसके बाद गुड़‍िया की जिंदगी में भूचाल आ गया। उसका निकाह 2003 में दूर के ही एक रिश्‍तेदार तौफीक से करा दिया गया। अभी वह उस शादी में अपनी जिंदगी को संभाल ही रही थी कि अगस्‍त 2004 में उसकी जिंदगी में आरिफ फिर वापस आ गया। बताया गया कि उसे पाकिस्तान ने युद्ध बंदी बना लिया था।
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दबाव में फिर से आई आरिफ के साथ

कारगिल के जांबाज के वापस आने के बाद गुड़‍िया को भी दिल्‍ली से मेरठ आना पड़ा। वहां दबाव में उसे फिर से आरिफ का दामन थामना पड़ा। बताया जा रहा है कि वह आरिफ के सज्ञथ रहने को तैयार नहीं थी लेकिन उसके पिता, रिश्‍तेदारों व धर्मगुरुओं पर उस पर काफी दबाव डाला था। वहीं, आरिफ ने उसे तो अपना लिया उसके बच्‍चे को अपना मानने से मना कर दिया। हालांकि, बच्‍चे के जन्‍म के बाद आरिफ ने उसे शर्त स्‍वीकार किया कि बड़ा होने पर उसे तौफीक को सौंप दिया जाएगा। इस मानसिक तनाव में गुड़‍िया की हालत बिगड़ती चली गई और वह काफी कमजोर भी हो गई थी। आरिफ से दोबारा मिलने के 15 माह के भीतर ही जनवरी 2006 में उसकी दिल्ली के आरआर अस्पताल में मौत हो गई।
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आरिफ ने की तीसरी शादी

2006 में गुड़ि‍या ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। इसके बाद आरिफ ने दूसरी शादी कर ली जिससे उसको बेटी हुई। दूसरी पत्‍नी की भी मौत के बाद आरिफ ने तीसरी शादी की। आरिफ के भाई का कहना है क‍ि उनका परिवार इस समय मेरठ कैंट में रह रहा है जबक‍ि उसकी पोस्टिंग श्रीनगर में है। हालांकि, अब उनका यहां आना-जाना काफी कम हो गया है।
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